अफगानिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री अमेरिका में टैक्सी चलाने को मजबूर, कभी पेश किया था लाखों डॉलर का बजट
प्रधानमंत्री अशरफ गनी के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण तालिबान के राजधानी काबुल पर नियंत्रण करने से एक सप्ताह पहले खालिद पाएंदा ने देश के वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
खालिद पाएंदा ने कभी काबुल में अफगानिस्तान के वित्त मंत्री के रूप में 6 बिलियन डॉलर का बजट पेश किया था लेकिन आज वह अमेरिका में टैक्सी चलाकर अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं. पाएंदा अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में उबेर टैक्सी चलाते हैं. उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं.
द वाशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह "छह घंटे के काम के लिए 150 डॉलर से थोड़ा अधिक कमाते हैं. उन्होंने कहा, "अगर मैं अगले दो दिनों में 50 यात्राएं पूरी करता हूं, तो मुझे $95 का बोनस मिलेगा."
बता दें अफगानिस्तान वर्तमान में एक वित्तीय और मानवीय संकट का सामना कर रहा है, दुनिया भर के कई देश तालिबान सरकार को मान्यता देने से हिचकिचा रहे हैं जिसने अमेरिका समर्थित शासन को उखाड़ फेंका.
काबुल पर तालिबान के कब्जे से पहले दिया था इस्तीफा
प्रधान मंत्री अशरफ गनी के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण तालिबान के राजधानी काबुल पर नियंत्रण करने से एक सप्ताह पहले देश के वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
पाएंदा ने पिछले साल 10 अगस्त को ट्वीट करते हुए कहा, "आज मैंने कार्यवाहक वित्त मंत्री के रूप में पद छोड़ दिया. MoF का नेतृत्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था लेकिन व्यक्तिगत प्राथमिकताओं की वजह से पद छोड़ने का समय आ गया. ”
Today I stepped down as the Acting Minister of Finance. Leading MoF was the greatest honor of my life but it was time to step down to attend to personal priorities. I’ve put Mr. Alem Shah Ibrahimi, Deputy Minister for Revenue & Customs in charge until a new Minister is appointed.
— Khalid Payenda (@KhalidPayenda) August 10, 2021
इसके बाद सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर से उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ दिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने परिवार के पास आ गए.
अमेरिका को मानते हैं अफगानिस्तान की बर्बादी का दोषी
द वाशिंगटन पोस्ट के साथ अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को दोषी मानते हैं, क्योंकि सैनिकों की वापसी ने तालिबान को सत्ता संभालने की अनुमति दी थी.
काबुल में विश्व बैंक के एक अधिकारी को एक टेक्सट संदेश में, जिस दिन काबुल पर तालिबान का कब्जा हुआ, उन्होंने लिखा "हमारे पास 20 साल थे और पूरी दुनिया का समर्थन एक ऐसी प्रणाली के निर्माण के लिए था जो लोगों के लिए काम करेगी...हमने जो कुछ बनाया वह ताश का एक घर था तेजी के साथ ढह गया. ताश के पत्तों का एक घर भ्रष्टाचार की नींव पर बनाया गया."