Pervez Musharraf Health: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ (Former President of Pakistan Pervez Musharraf) यूं ही अपने वतन से बाहर नहीं हैं, दरअसल उनके वतन से उनकी ये दूरी उनके मर्ज ने बढ़ा दी है. मसला है कि उनकी मर्ज यानी बीमारी ऐसी है कि जिसकी दवाई उनके देश में मयस्सर नहीं है. भले ही पाकिस्तान में कहा जाता हो कि यहां के बड़े लोग जिनमें नेता, नौकरशाह और न्यायाधीश शामिल हैं वो देश की हेल्थ सर्विस से खुश न होने के चलते यहां इलाज कराना बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं, लेकिन देश के पूर्व राष्ट्रपति परवेज का मामला इससे बहुत अलग है.


मुर्शरफ की वतन वापसी के हिमायती पूर्व पीएम भी


इन दिनों पाकिस्तान के टीवी चैनल्स और सोशल मीडिया पर उनके वतन वापसी के चर्चे गरम हैं. गौरतलब है कि बीते सप्ताह पूर्व राष्ट्रपति की वतन वापसी को लेकर पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने कहा था कि सेना का मानना था कि उन्हें पाकिस्तान वापस आना चाहिए. इसके लिए उनकी फैमिली से बात की गई थी. इसके तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के सत्ताधारी दल पीएमएल-एन के संस्थापक नवाज़ शरीफ़ ने ट्वीट किया था कि उनकी परवेज़ मुशर्रफ़ से कोई दुश्मनी नहीं है. वो देश लौटना चाहते हैं, तो सरकार को उन्हें सुविधा मुहैया करानी चाहिए.


उधर पाकिस्तानी संसद में भी पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ़ की वापसी को लेकर चर्चा चली थी. उन्हें लाने के लिए एयर एंबुलेंस की बात भी की जा रही थी. लेकिन उनकी वापसी पर उनकी फैमिली की तरफ से किया गया ट्वीट अलग ही कहानी बयां करता है.


 






परवेज़ मुशर्रफ़ की फैमिली का ट्वीट
परवेज़ मुशर्रफ़ के पाकिस्तान वापसी को लेकर फैमिली द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है, “ फैमिली को पूर्व राष्ट्रपति की दवाई की लगातार सप्लाई और ट्रीटमेंट के बारे में एहम मेडिकल, क़ानूनी और सिक्योरिटी चैलेंज्स पर सोचना होगा.”


गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति का इलाज अभी दुबई में चल रहा है. फैमिली ने आगे कहा है कि उन्हें पाकिस्तान के आधिकारिक और गैर आधिकारिक कई माध्यमों से उनकी वतन वापसी आसान बनाने की सूचना मिली है, पाकिस्तान हमारा घर है और हम वहां से आए इन दोस्ती भरे प्रस्तावों का स्वागत करते हैं, लेकिन उनकी हेल्थ के लिए डार्टमॉम्ब की लगातार सप्लाई की जरूरत है.


कौन सी बीमारी है सैन्य तानाशाह को


पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के परिवार की तरफ से आए बयानों से ये तो साफ हो गया है कि उनकी वतन वापसी नहीं होगी, लेकिन इस सैन्य तानाशाह को ऐसी कौन सी बीमारी है और उसकी दवा उनके देश में क्यों नहीं मिलती. इस वक्त वह अपनी बीमारी के इलाज के लिए दुबई में हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी मौत की खबरें भी उड़ी थीं. उनके परिवार ने इन खबरों को गलत बताया था. परिवार का कहना था कि  
वह एमीलॉयडोसिस (Amyloidosis) नाम की एक दुर्लभ बीमारी है. इस बीमारी में धीरे-धीरे इंसान के शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. ये बीमारी शरीर में अमीलॉयड नाम के प्रोटीन के बढ़ने से होती है. इस बीमारी के इलाज के लिए डार्टमॉम्ब (Daratumumab) जो डार्ज़लेक्स नाम से भी जानी जाती है यह दवा इस्तेमाल होती है, लेकिन यह उनके देश पाकिस्तान में नहीं मिलती.






क्या है डार्टमॉम्ब मेडिसिन


डार्टमॉम्ब (Daratumumab) सामान्यत: एक तरह के ल्यूकेमिया  मल्टीपल मायलोमा के इलाज में काम आती है. यह एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जो मल्टीपल मायलोमा को बढ़ने से रोकती है. इसमें मौजूद डार्ज़लेक्स मायलोमा सेल्स को सीधे मारता है या मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को उन्हें खत्म करने में मदद करता है.


क्यों नहीं मिलती ये दवा पाकिस्तान में


बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये दवा डेनिश बायोटेक कंपनी जेनमैब ने बनाई थी, लेकिन यह अब जेनमैब और जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी जॉनसन बायोटेक मिलकर बना रहे हैं. इस कंपनी ने जेनमैब से विश्व बाजार में इसे बेचने के कर्मशियल राइट्स ले रखे हैं. पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) के डिप्टी डॉयरेक्टर अख्तर अब्बास के मुताबिक, “जो दवाएं जो पाकिस्तान में रजिस्टर्ड नहीं है या जिनके पेटेंट पर विवाद है और दवा कंपनियों ने जिन्हें पाकिस्तान में लॉन्च नहीं किया है. या फिर जिनकी कमी है और देश में जिनके बहुत कम मरीज हैं ऐसी दवाईयों को DRAP की एनओसी लेने के बाद आयात किया जा सकता है. मरीज या उनकी फैमिली के DRAP वेबसाइट पर NOC लेने के 24 घंटे के अंदर परमिट दे दिया जाता है.”  DRAP के डिप्टी डॉयरेक्टर अख्तर अब्बास ने आगे  बताया कि ऐसी दुर्लभ बीमारियां जो दुनिया में आम नहीं है उनके  इलाज में काम आने वाली दवाओ का आयात रिटेलर्स के लिए फायदे का सौदा नहीं हैं.


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