France On Alert in New Year Eve: इजरायल हमास युद्ध की आग न सिर्फ दोनों पक्षों को जला रही है, बल्कि इसकी चिंगारी दुनिया के दूसरे हिस्से में भी फैल चुकी है. इस युद्ध की वजह से यूरोप के कई देशों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं और लोगों को निशाना बनाकर मारा भी गया है. इसी बीच फ्रांस में इजरायल हमास युद्ध की वजह से नए साल के मौके पर आतंकी हमले की आशंका जताई गई है. इसकी वजह से फ्रांसीसी सरकार ने 90 हजार सैनिकों की तैनाती की है और पूरे फ्रांस को सैन्य छावनी में तब्दील कर दिया है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी अधिकारियों ने गाजा में संघर्ष का हवाला देते हुए नए साल की पूर्व संध्या पर एक महत्वपूर्ण आतंकवादी खतरे के बारे में चिंता जताई है. इस पर फ्रांस के आंतरिक मंत्री जेरार्ड डर्मैनिन ने समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए पूरे फ्रांस में 90,000 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को तैनात करने की बात कही. द टेलीग्राफ ने डार्मिनिन के हवाले से कहा, "मैंने निश्चित रूप से इजरायल और फिलिस्तीन में जो हो रहा है, उसकी वजह से एक बहुत बड़े आतंकवादी हमले के खतरे को देखते हुए ये फैसला लिया है.''
फ्रांस में सैनिकों की कड़ी पहरेदारी
फ्रांस को आतंकवादी हमले से बचाने के लिए बनाए गए आर्मी प्लान के तहत 5,000 सैनिकों को 35,000 फायर फाइटर के साथ तैनात किया जाएगा. फैशन कैपिटल के नाम से मशहूर पेरिस में नए साल की पूर्व संध्या पर 15 लाख लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है. इसकी वजह से लगभग 60 हजार सैनिकों को अकेले पेरिस में तैनात किया गया है. इसके अलावा पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए इलाके की गश्त करते नजर आएंगे. इसी बीच जर्मनी ने भी फ्रांस के तर्ज पर बर्लिन की सड़कों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की घोषणा की है.
जर्मनी में आतंकी साजिशों में बढ़ोतरी
गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद से जर्मनी में कथित आतंकी साजिशों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके कारण संभावित इस्लामिक स्टेट (ISIS) के हमले की चिंताओं के कारण क्रिसमस पर कोलोन कैथेड्रल को बंद कर दिया गया है. अरास में एक कट्टरपंथी पूर्व छात्र ने एक शिक्षक की घातक चाकू मारकर हत्या कर दी थी. उसने हमले के दौरान अल्लाहु अकबर चिल्लाया था. फ्रांस ने भी अक्टूबर के मध्य में अपनी आतंकवाद विरोधी चेतावनी जारी की थी. ये घटना हमास की तरफ से शुरू किए गए हमले के एक सप्ताह बाद हुई थी.