जानें, आख़िर फ्रांस ने ट्रंप से क्यों कहा- हमारे देश को बख़्श दें
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ने एक बयान में कहा, "हम अमेरिका की घरेलू राजनीति को ध्यान में नहीं रखते और हम चाहते हैं कि उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए. फ्रांस के राष्ट्रपति और मैं दोनों ही डोनाल्ड ट्रम्प से अपील करते हैं कि वो हमारे देश को बख़्श दें."
पेरिस: फ्रांस की सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोला है. हमला करते हुए फ्रांस की सरकार ने ट्रंप से उनके देश की राजनीति में दख्ल नहीं देने की अपील की है. ट्रंप ने फ्रांस में हो रहे Yellow Jacket विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा एक ट्विट किया है जिसमें उन्होंने पेरिस क्लाइमेट चेंज पर हमला किया है. इसी का जवाब देते हुए फ्रांस की सरकार ने ट्रंप को उनके देश की घरेलू राजनीति से दूर रहने को कहा है.
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ने एक बयान में कहा, "हम अमेरिका की घरेलू राजनीति को ध्यान में नहीं रखते और हम चाहते हैं कि उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए. फ्रांस के राष्ट्रपति और मैं दोनों ही डोनाल्ड ट्रम्प से अपील करते हैं कि वो हमारे देश को बख़्श दें." ट्रम्प ने शनिवार को दो ट्वीट्स किए थे, जिसमें "Yellow Jackets" का जिक्र किया था. "Yellow Jackets" ने नवंबर के मध्य से फ्रांस को अपने प्रदर्शनों से हिलाकर रख दिया है. उन्होंने बीते दिनों में दंगे भी किए थे.
ट्रंप ने ट्विट कर लिखा, "पेरिस में बेहद दुख के दिन और रात हैं. संभव है कि हास्यास्पद और बेहद महंगे पेरिस समझौते को समाप्त करने का समय आ गया है और कम टैक्सों को रूप में लोगों को पैसे लौटाने का भी?" उन्होंने अपने इस बयान को सवालिया निशान के साथ पोस्ट किया है. उन्होंने ये भी लिखा कि अमेरिका ऐसा करने में सबसे आगे था और हमारा देश इकलौता देश हैं जहां पिछले साल कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है.
Very sad day & night in Paris. Maybe it’s time to end the ridiculous and extremely expensive Paris Agreement and return money back to the people in the form of lower taxes? The U.S. was way ahead of the curve on that and the only major country where emissions went down last year!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 8, 2018
आपका बता दें कि फ्रांस में हो रहे प्रदशर्नों का पेरिस क्लाइमेट चेंज समझौते से कोई लेना देना नहीं है. इसे 2015 में साइन किया गया था और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों समेत दुनिया भर के नेताओं के विस्मय में डालते हुए ट्रंप ने अपने देश को इससे अलग कर लिया. फ्रांस में जो प्रदर्शन हो रहे हैं उसके पीछे की वजह तेल में हुए बेतहाशा टैक्स की बढ़ोतरी है जिससे जीने खाने की चीज़ों की कीमतें भी काफी बढ़ गईं.
इसी ने आम लोगों द्वारा सोशल मीडिया के सहारे उभरे भयंकर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया जिन्हें फ्रांस की क्रांति के बाद के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों के तौर पर देखा जा रहा है. पहले पहल तो मैंक्रों इन प्रदर्शनों को अहमियत देने नज़र नहीं आए लेकिन जब पेरिस में प्रदर्शन ने दंगे का रूप ले लिया और एतिहासिक इमारतों को भी नहीं बख्शा गया तो राष्ट्रपति ने हार मान ली. इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि अगल छह महीनों तक तेल की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी. बावजूद इसके अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन अब भी जारी है.
ये भी देखें
पंचनामा: धर्मसभा के मंच से केंद्र सरकार को चेतावनी,मंदिर जल्द बनाएं वरना गद्दी गंवाएं