नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना का संकट इतनी तेजी से फैलता जा रहा है जिसे रोकने में ज्यादातर देश नाकामयाब रहे हैं. ऐसे में अब मौत का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है जिसे देखते हुए WHO यानी की वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने भी सभी देशों को ये चेतावनी दे दी है कि अगर इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो वायरस और लोगों की जान लेगा. दुनिया में तीन देश ऐसे हैं जहां 20,000 से ज्यादा लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है. लेकिन अब अमेरिका, इटली और स्पेन के बाद फ्रांस चौथा ऐसा देश बन गया है जहां 20 से ज्यादा लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं.


फ्रांस के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सालोमोन ने यह भी कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के 20,265 मरीजों की मौत हो चुकी है.हालांकि, जेरोम ने अस्पतालों और गहन चिकित्सा सेवाओं में आने वाले मरीजों की संख्या में आई कमी पर खुशी जाहिर की.


फ्रांस में पिछले 24 घंटों में 547 मौतें हुई हैं जिसमें 444 लोग अस्पताल और 103 नर्सिंग होम में मृत पाए गए. ऐसे में पिछले 24 घंटों में कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं. हालांकि सालोमोन ने कहा कि अब इस वायरस की बढ़ोतरी में कमी देखी गई है क्योंकि 5683 मरीजों को हर मुमकिन देखभाल में रखा जा रहा है और ऐसे में सोमवार को ये आंकड़ा 8 अप्रैल के मुकाबले 7148 से नीचे आया.


वहीं प्रधानमंत्री एडौर्ड फिलिप ने रविवार को एक समाचार सम्मेलन में कहा कि गहन देखभाल में लोगों की संख्या में गिरावट उत्साहजनक संकेतों में से एक थी जो अस्पतालों पर दबाव को कम कर रहे हैं.


लेकिन उन्होंने किसी भी ऐसी उम्मीद पर ताला लगा दिया जिसमें ये कहा जा रहा था कि मई के महीने से स्कूलों को फिर से खोल दिया जाएगा क्योंकि ऐसे में कोरोना के फैलने का और खतरा है. उन्होंने आगे कहा कि हम न तो किसी को घूमने और न एक दूसरे से बातचीत की अनुमति देंगे क्योंकि इस खतरनाक वायरस का टीका अभी भी काफी दूर है.


फिलिप ने ये भी कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब फ्रांस ने 81 मिलियन मास्क आयात किए हैं जहां हर हफ्ते देश को 45 मिलियन मास्क की जरूरत है. वहीं जून तक 15,000 और वेंटिलेटर्स तैयार हो जाएंगे जिससे प्रोसेस को और तेजी से बढ़ाया जा सकेगा.