New Caledonia Riots: फ्रांस के कब्जे वाले एक विदेशी टापू पर दंगा भड़क गया है. स्थिति खराब होने के बाद फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल अटाल ने न्यू कैलेडोनिया पर इमरजेंसी लगा दी है. न्यू कैलोडोनिया ऐसा टापू हैं, जहां पर फ्रांस का कब्जा है, लेकिन वहां कि लिए अलग कानून है. फ्रांस से न्यू कैलेडोनिया की दूरी करीब 17 हजार किलोमीटर है. न्यू कैलेडोनिया को लेकर पेरिस की संसद में एक विधेयक पेश करने के बाद टापू पर हिंसा भड़क गई. 


रॉयटर्स के मुताबिक, फ्रांस की संसद में एक ऐसा विधेयक पेश किया गया, जिसके पारित होने के बाद न्यू कैलेडोनिया में 10 साल से रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को मतदान का अधिकार मिलने वाला था. फ्रांस के इस कदम के बाद न्यू कैलेडोनिया में दंगा होने लगा. न्यू कैलेडोनिया के कनक समुदाय को लग रहा है कि फ्रांसीसी लोगों को वोट का अधिकार मिलने के बाद यहां के मूल निवासियों के वोट की ताकत कम हो जाएगी.


दंगा कंट्रोल के लिए लगी इमरजेंसी
चुनाव सुधार को लेकर हुए दंगों में एक पुलिस अधिकारी सहित चार लोगों की मौत के बाद फ्रांस ने बुधवार को प्रशांत द्वीप न्यू कैलेडोनिया में इमरजेंसी घोषित कर दिया. यह इमरजेंसी बुधवार को सुबह 5 बजे (स्थानीय समयानुसार) लागू की गई. इसके बाद न्यू कैलेडोनिया में सरकारी अधिकारियों को अतिरिक्त कानूनी ताकत मिली है. फ्रांस के प्रधानमंत्री ने बताया कि दंगे को कंट्रोल करने के लिए इमरजेंसी लागू की गई है. 


द्वीप पर भेजे गई अतिरिक्त पुलिस
दंगाइयों ने इमरजेंसी से पहले कई दुकानों और मकानों में आग लगा दी. इस दौरान दंगाइयों ने दुकानें लूट ली और पुलिस पर हमला करने लगे. एक पुलिस अधिकारी के सिर में गोली मार दी गई. द्वीप पर पहले से 1800 से पुलिसकर्मी हैं और अब फ्रांस ने अतिरिक्त 500 पुलिस कर्मियों को भेजा है. स्कूल और हवाई अड्डे बंद कर दिए गए हैं और राजधानी में पहले से ही कर्फ्यू लगा है. प्रधान मंत्री गेब्रियल अटाल ने कहा है कि द्वीप पर किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.






न्यू कैलेडोनिया का इतिहास
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक न्यू कैलेडोनिया पर फ्रांस ने 1853 में कब्जा किया था. लंबे समय से यहां के मूल निवासी कनक समुदाय के लोग आजादी की मांग करते रहे हैं. इस द्वीप पर आज भी गरीबी और बेरोजगारी की समस्या है. 1980 के दशक में हुई भारी हिंसा के बाद आखिरकार, 1998 में नौमिया समझौता हुआ. इस समझौते के बाद न्यू कैलेडोनिया के लोगों को अधिक राजनीतिक स्वायत्तता मिली थी. अब एक बार फिर कानून बदलकर फ्रांस इस द्वीप पर अनपी पकड़ी मजबूत करना चाह रहा है.


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