राफेल के साथ यूरोप का सबसे ताकतवर परमाणु युद्धपोत पहुंचा भारत, गोवा के तट पर दिखेगा एक्शन
China in Indo-Pacific Region : उल्लेखनीय है कि चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में दादागिरी दिखा रहा है. इसी को देखते हुए फ्रांस ने चीन को कड़ा संदेश देने के लिए अपने स्ट्राइक ग्रुप को इस इलाके में भेजा है.
France Charles De Gaulle Aircraft Carrier Rafale in India : यूरोप का सबसे ताकतवर परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स डी गाले भारत पहुंचा है. परमाणु एयरक्राफ्ट चार्ल्स डी गाले फ्रांस की नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ हिंद महासागर में पहुंचा है. बताया जा रहा है कि फ्रांस ने करीब 40 सालों के बाद अपने कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिंद प्रशांत क्षेत्र में भेजा है. यह फ्रांसीसी नौसैनिक बेड़ा गोवा के समुद्री तट के पास भारतीय नौसेना के साथ वरुणा नौसैनिक अभ्यास में भाग लेगा. इस नौसैनिक अभ्यास के उद्देश्य हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करना है. चार्ल्स डी गाले युद्धपोत पर राफेल फाइटर जेट हमेशा तैनात रहते हैं, जो परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं.
चीन को कड़ा संदेश देने के लिए फ्रांस ने भेजा स्ट्राइक ग्रुप
उल्लेखनीय है कि चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में दादागिरी दिखा रहा है. इसी को देखते हुए फ्रांस ने चीन को कड़ा संदेश देने के लिए अपने स्ट्राइक ग्रुप को इस इलाके में भेजा है. बता दें कि फ्रांसीसी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप फ्रांस की नौसेना के मिशन Clemenceau 25 के तहत आया है ताकि वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में देश के हितों की रक्षा कर सके. इसके अलावा इस इलाके में यूरोपीय अभियानों में अपना योगदान दे सके.
फ्रांसीसी नौसेना ने कही ये बात
Deployed in the Indian Ocean as part of Mission CLEMENCEAU 25, the French carrier strike group (CSG), comprising the aircraft carrier FNS Charles De Gaulle, its embarked air fleet and its escort vessels (frigates and supply ships), will be making stopovers at Goa and Kochi from… pic.twitter.com/nJO6W8N3CO
— ANI (@ANI) January 3, 2025
फ्रांसीसी नौसेना ने कहा, “कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अपने क्षेत्रीय भागीदारी और सहयोगियों विशेषकर भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को अंजाम दे रहा है. इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के एयरक्राफ्ट कैरियर पर एक-दूसरे के सैनिकों के काम करने का अभ्यास किया जाएगा. इस अलावा इस दौरान सतह, हवा और सबमरीन से होने वाले खतरे से निपटने का भी अभ्यास किया जाएगा.”
नौसेना ने कहा, “भारत के बाद फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कैरियर का दल इंडोनेशिया के लिए रवाना हो जाएगा और वहां से वह दक्षिण चीन सागर के रास्ते जापान के लिए प्रस्थान करेगा. बता दें कि इस पूरे इलाके में चीनी नौसेना अपनी दादागिरी दिखा रही है और आसपास के देशों को आंख दिखा रही है.” फ्रांस ने अपने एक बयान में भारत को वर्ष 1998 से ही अपना सबसे करीबी रणनीतिक भागीदार करार दिया है.
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