Paris Bombing Case: यूरोपीय देश फ्रांस में यहूदियों के पूजा स्थल (सिनेगॉग) पर हुए आतंकी हमले के दोषी को 43 साल बाद सजा सुनाई गई है. दोषी का नाम- हसन दियाब (Hassan Diab) है, जिसके पास लेबनान और कनाडा की नागरिकता थी. उसने पेरिस में 3 अक्टूबर 1980 को सिनेगॉग पर भीषण हमला किया था.


फ्रेंच मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1980 में पेरिस में यहूदियों के पूजा स्थल (सिनेगॉग) पर हमले के दोषी प्रोफेसर हसन दियाब को अब उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पेरिस की कोर्ट में फैसला सुनाते हुए प्रोसिक्यूटर ने कहा, "इस बात में कोई शक ही नहीं है कि वो हमला हसन के अलावा किसी और नहीं किया था." ये दूसरे विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस की धरती पर यहूदियों पर हुआ सबसे बड़ा हमला था. इस हमले ने पूरे फ्रांस में हलचल पैदा कर दी थी. विरोध में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया था. कुछ समय बाद पुलिस ने खुलासा किया था कि फिलिस्तीन की आजादी की मांग करने वाले संगठन से जुड़ा प्रोफेसर हसन दियाब इस हमले का गुनहगार है.


मोटरसाइकिल में रखा था बम


पेरिस पुलिस के मुताबिक, हमले के दिन पेरिस के रयू कोपर्निक में यहूदी पूजास्थल में लगभग 300 लोगों की भीड़ जुटी थी. उस भीड़ के बीच एक मोटरसाइकिल में रखा एक बम फट गया था. उससे पूजा स्थल की छत समेत सारी खिड़कियां टूट गईं. 4 लोगों की जान चली गई और काफी घायल हुए. उससे यहूदियों में दहशत फैल गई और उन्हें वहां से भागना पड़ा. 






2 साल सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई


उधर, फ्रांस और इजरायल के यहूदी नेता हमले के गुनहगार को सजा दिलाने की कोशिश में जुट गए. इस मामले में फ्रांस की पुलिस ने दियाब को 1999 में आरोपी बनाया. उसके बाद ये मामला कई बार उठा, लेकिन सजा नहीं हो पाई थी. 2 साल की सुनवाई के बाद शुक्रवार को उसे दोषी ठहरा दिया गया.


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