France Pension Bill: यूरोप के लोकतांत्रिक देश फ्रांस (France) में विवादित पेंशन सुधार विधेयक (Pension Reforms Bill) को सरकार ने आखिरकार पास करा लिया. इसके लिए राष्‍ट्रपति इमेनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) की अगुवाई वाली सरकार ने स्‍पेशल पॉवर का सहारा लिया, जिसमें वोटिंग नहीं हुई और बिल पास हो गया. इस बिल के विरोध में फ्रांस में पिछले 2 महीने से प्रदर्शन हो रहे थे.


बिल पास हो जाने पर कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन और तेज होने के आसार हैं. वहीं, विपक्ष भी सरकार पर भड़क उठा है. विपक्षी नेताओं ने मैक्रों सरकार के पेंशन बिल को गैर-जरूरी और नाजायज बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी है. विपक्षियों का कहना है कि फ्रांस की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया, जो कि अनुचित है. अब वे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे.




फ्रांसिसी सरकार की पेंशन योजना का हो रहा विरोध
मैक्रों सरकार के पेंशन सुधार विधेयक में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे कर्मचारी खफा हैं. इस बिल के तहत फ्रांस में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ाकर 64 कर दी गई है. इससे कर्मचारियों में खासा रोष है. फ्रांस एक सफाईकर्मी ने बताया कि उनके यहां कचरा उठाने वालों की रिटायरमेंट उम्र अभी 57 साल है. वहीं, सीवर साफ करने वालों की रिटायरमेंट उम्र 52 साल है. उसके बाद सरकार जो नई पेंशन योजना लाई है, उसके लागू हो जाने पर कर्मचारियों को दो साल और काम करना होगा. इसका असर उनकी बाकी की जिंदगी पर पड़ेगा.




देशभर में लोग सड़कों पर उतरे, काम पर जाना छोड़ा
फ्रांसिसी मीडिया के मुताबिक, 16 मार्च को फ्रांस की नेशनल असेंबली में पीएम एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया. इसके बाद पूरे देश में प्रदर्शन और तेज हो गए हैं. सरकारी कर्मियों ने काम पर जाना बंद कर दिया है, और कई जगह आगजनी भी हुई है. कई शहरों में संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया. इससे चमक-दमक वाले पॉश इलाके भी गंदे नजर आ रहे हैं. 


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