French Pension Reforms: फ्रांस (France) में पेंशन सुधार बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इसी बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों (Emmanuel Macron) ने शनिवार (15 अप्रैल) को रिटायरमेंट की उम्र 62 साल से बढ़ाकर 64 साल करने वाले विवादों से भरे बिल पर साइन कर दिया. अब ये बिल कानून का शक्ल ले चुका है. फ्रांस के कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल ने भी इसे मंजूरी दे दी है.
रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाने वाले कानून को देश भर में जल्द ही लागू किया जाएगा. इस फैसले के आने के बाद से फ्रांस के पेरिस सहित 200 शहरों में हिंसा बढ़ चुकी है. इस बात की अल जज़ीरा ने शनिवार को जानकारी दी.
नई पेंशन स्कीम को संविधान की नजर में सही ठहराया
फ्रांस की मीडिया के मुताबिक कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल के 9 सदस्यों ने नई पेंशन स्कीम को संविधान की नजर में सही ठहराया है. फ्रांस के पेरिस में शुक्रवार (13 अप्रैल) को कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस ने करीब 112 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. पिछले 3 महीने से पेंशन स्कीम के खिलाफ पूरे फ्रांस में हिंसक विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक बिल को लागू करने की लड़ाई मैक्रों के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी बाधा में से एक थी. इस दौरान बिल के संशोधनों के लिए भारी सार्वजनिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. इसके अलावा उनकी लोकप्रियता में भी कमी आयी है.
सितंबर के महीने में होगा लागू
फ्रांस के राष्ट्रपति के बिल पर साइन करने के बाद पेंशन स्कीम अब कानून बन चुका है. फ्रांस के कोर्ट ने नई पेंशन स्कीम के तहत 6 प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है. खारिज किए गए प्रस्ताव में एक प्रस्ताव ऐसा भी है, जिसमें पूछा गया है कि कोई भी कंपनी 55 साल से ज्यादा उम्र वाले कितने लोग को नौकरी देती है.
कानून को कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने जानकारी दी कि ये कानून इस साल के सितंबर तक लागू किया जा सकता है. इस पेंशन स्कीम के बारे में जनवरी 2023 में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेंशन स्कीम में सुधार की बात की थी.
ये भी पढ़ें:Emmanuel Macron: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की यूरोप से अपील, 'अमेरिका पर अपनी निर्भरता करें कम'