फ्रांस: तेल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ सड़क पर एक लाख लोग, हिंसक हुआ प्रदर्शन
गृह मंत्रालय के मुताबिक शनिवार को देश भर में हुए 1600 विरोध प्रदर्शनों में एक लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. राजधानी पेरिस के अलावा बाकी जगह पर हुए प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.
पेरिस: यूरोपिय देश फ्रांस में जनजीवन को प्रभावित करने वाले एक मुद्दे के ख़िलाफ़ प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया. राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के देश में तेल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ लोग का प्रदर्शन एक सयम हिंसक हो गया. मैक्रों ने उन प्रदर्शनकारियों की निंदा की है जो गैस, पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ किए जा रहे ऐसे प्रदर्शनों के दौरान पुलिस से भिड़ गए.
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, "जिन्होंने हमला किया उन्हें शर्म आनी चाहिए. फ्रांस में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है." चैंप्स एलिस में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल बन गया जब पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.
Merci à nos forces de l’ordre pour leur courage et leur professionnalisme. Honte à ceux qui les ont agressées. Honte à ceux qui ont violenté d’autres citoyens et des journalistes. Honte à ceux qui ont tenté d’intimider des élus. Pas de place pour ces violences dans la République.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) November 24, 2018
"यलो वेस्ट" नाम की संस्था तेल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ ये प्रदर्शन अभियान चला रही है और उन्होंने इसे कैंपेन के "फेज़ टू" का नाम दिया है. पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ शुरू हुए इस प्रदर्शन में लोग बाद में इस पर भी गुस्सा निकालने लगे कि राष्ट्रपति की नीतियों की वजह से देश के ग्रामीण हिस्से में रहने और खाने की कीमतें बहुत ज़्यादा हो गई हैं.
गृह मंत्रालय के मुताबिक शनिवार को देश भर में हुए 1600 विरोध प्रदर्शनों में एक लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. राजधानी पेरिस के अलावा बाकी जगह पर हुए प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे. यहां 8,000 लोग विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे. मंगलवार में मैक्रों इससे संबंधित मुद्दों पर देश को संबोधित करने वाले हैं.
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