France Riots: फ्रांस में 17 वर्षीय लड़के की पुलिस अधिकारी ने गोली मारकर हत्या कर दी. जिसके बाद से पूरे फ्रांस में लोगों का गुस्सा भड़क उठा और जगह-जगह पुलिस के विरोध में प्रदर्शन जारी है. नाहेल एम नाम के युवक को मंगलवार (27 जून) को ट्रैफिक स्टॉप पर एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी थी. इसी बीच जर्मनी के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि फ्रांस में अशांति के कारण राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मनी की राजकीय यात्रा स्थगित कर दी है. 


इस घटना ने देश में दंगों को भड़का दिया, जहां वर्षो से पुलिस पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर अलग करने के लिए आरोपी ठहराया जाता रहा है. करीब 40 हजार से ज्यादा पुलिस की तैनाती भी विरोध प्रदर्शनों को रोकने में सफल नही हो पा रही है. फ्रांस सरकार ने कहा कि नाहेल की मौत की चौथी रात प्रदर्शनों के दौरान 1311 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


सबसे पहले इन लोगों ने समर्थन किया
नाहेल नैनटेरे में पाब्लो पिकासो नामक जगह में पला-बढ़ा था, जो पेरिस का एक उपनगर है जहां कई अप्रवासियों का घर है. नाहेल की मां जो मूलरुप से अल्जीरिया से हैं, उन्होंने एक सिंगल पैरेंट्स की तरह अपने बच्चे को अकेले पाला. फ्रांस में यह खबर तेजी से फैलनी शुरू हुई कि कार चलाते समय ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस ने उनकी बेटे को गोली मारकर हत्या कर दी. 


हालांकि अधिकारी उस समय तक नाहेल की जातीय संबंधी बात पर चुप रहे, लेकिन फ्रांस में ये बात तेजी से फैल गई. इस घटना पर सबसे पहले प्रतिक्रिया उत्तरी अफ्रीका से आना शुरु हुई, जहां अप्रवासियों वाले दक्षिणी बंदरगाह शहर मार्सिले में रैप सितारों ने इस पर कटाक्ष किया. वहीं इसके तुरंत बाद फुटबॉल सुपरस्टार किलियन म्बाप्पे और अभिनेता उमर साय ने भी ट्वीट कर इसका समर्थन किया. 


फ्रांस में सार्वजनिक सेवा पूरी तरह से बंद 
नाहेल की मौत की गूंज फ्रांस से लेकर अल्जीरिया तक सुनाई दी, हालांकि आधिकारिक तौर पर यह साफ नहीं हो पाया है कि नाहेल के पास यहां की दोहरी नागरिकता था या नहीं. वहीं अल्जीरिया के विदेश मंत्रालय ने घटनाओं पर गहरी संवेदना व्यक्त की, और नाहेल को एक अल्जीरियाई "राष्ट्रीय" कहा, जिसे फ्रांस को सुरक्षा प्रदान करनी थी.


फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय का कहना है कि उसने सूर्यास्त से पहले सभी सार्वजनिक बस और ट्राम सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि सरकार 17 साल के बच्चे की घातक पुलिस गोलीबारी के कारण भड़के दंगों से जूझ रही है. मंत्रालय ने कहा कि आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डार मैनिन ने शुक्रवार को फ्रांस की राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व में एक संकट बैठक में भाग लेने के बाद आदेश जारी किया.


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