France Riots: पेरिस (Paris) में मंगलवार (27 जून) को 17 वर्षीय किशोर नाहेल एम की मौत के बाद से पूरे फ्रांस में बड़े पैमाने पर दंगे भड़के हुए हैं. पेरिस में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान नाहेल एम को पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी बीच शनिवार (1 जुलाई) को अल्जीरियाई और मोरक्को मूल के किशोर के अंतिम संस्कार से पहले चौथी रात हुए दंगों के दौरान फ्रांसीसी पुलिस ने 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया.
नाहेल एम की मां मौनिया ने अपने बेटे की मौत के बाद हुए दंगे पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने पुलिस को अपने बेटे की हत्या को दोषी ठहराने से भी मना कर दिया. इसके बजाय उसने अपने बेटे की जान लेने के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'मैं एक व्यक्ति को दोषी मानती हूं, जिसने मेरे बेटे की जान ले ली.'
45,000 पुलिस अधिकारियों के साथ बख्तरबंद वाहन तैनात
अल्जीरियाई और मोरक्को मूल के लड़के की मौत की खबर पूरे देशभर में आग की तरह फैल गई. इसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया.हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने शुरू में नाहेल के बारे में जानकारी छिपाई, लेकिन जल्द ही जनता को मालूम पड़ गया कि वो एक अल्जीरियाई मूल का लड़का था.देश में फैले दंगे से निपटने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने रात भर में 45,000 पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया. इसके वजह से राष्ट्रपति ने जारी अशांति के कारण रविवार (2 जुलाई) को शुरू होने वाली जर्मनी की राजकीय यात्रा भी स्थगित कर दी.
नाहेल एम की मौत पर कई सितारों ने अपना समर्थन दिखाया, जिसमें स्टार फुटबॉलर किलियन एम्बाप्पे और अभिनेता उमर सी जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना समर्थन दिखाया.
लड़के ने स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी थी
पीड़ित परिवार के वकील के अनुसार नाहेल एम एक डिलीवरी मैन के रूप में काम करता था.वो खेलों में भी रूचि रखने वाला लड़का था.वो अपने इलाके के युवाओं को खेल के लिए जागरूक करने का काम करता था.उसका पसंदीदा खेल रग्बी था.
नाहेल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. पुलिस ने बताया कि नाहेल ने लापरवाही से गाड़ी चलाने की कोशिश की थी. इसको लेकर फ्रांसीसी पुलिस की नजर उस पर जा टिकी.वहीं लड़के ने स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी थी और उसके जानने वालों का कहना है कि नाहेल एम कोई बड़ी डाकू नहीं था.
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