पेरिस: फ्रांस में अपने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले एक टीचर का सिर कलम किए जाने के बाद देश में राजनीतिक तनाव पैदा हो गया है. इस बीच गृहमंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश पर आतंकवादी खतरे को 'बहुत अधिक' जोखिम है. ऐसे में सरकार धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने में जुट गयी है.


फ्रांसीसी राजनयिक तुर्की और अरब देशों में गुस्से को दूर करने का प्रयत्न कर रहे है. फ्रांस में 16 अक्टूबर को टीचर का सिर कलम कर दिए जाने की घटना के बाद राष्ट्रपति एमैनुअल मैंक्रो द्वारा इस्लामवाद के खिलाफ सख्त रूख अपनाए जाने के बाद तुर्की और अरब देशों में फ्रांस-विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं और फ्रांसीसी चीजों का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है.


वैसे तो यूरोपीय सहयोगियों ने मैक्रों का समर्थन किया है लेकिन मुस्लिम बहुल देश पैगंबर के कार्टून पर उनके रूख से नाराज हो गए हैं. ये देश इसे इस्लाम का अपमान मानते हैं.


धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान
फ्रांस की राष्ट्रीय पुलिस ने विशेषकर ईसाइयों और उदारवादी फ्रांसीसी मुसलमानों के खिलाफ कट्टरपंथियों की ऑनलाइन धमकियों का संज्ञान लेते हुए धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान किया है. गृह मंत्री गेराल्ड डार्मानिन ने फ्रांस-इंटर रेडियो पर कहा कि आतंकवादी खतरे का ‘जोखिम बहुत अधिक है क्योंकि देश के अंदर और बाहर हमारे बहुत सारे दुश्मन हैं.


इससे पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने टीचर की हत्या की घटना को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें डर है कि फ्रांस की करीब 60 लाख मुसलमानों की आबादी समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ सकती है.


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