France Unrest: फ्रांस में एक युवक की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई है और गिरफ्तारियों का दौर जारी है. अभी तक 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दो दिनों में दूसरी संकट बैठक के लिए अपनी कैबिनेट बुला चुके हैं, लेकिन फ्रांस में आगजनी, लूट और तोड़फोड़ की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं.
शुक्रवार को इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि सोशल मीडिया के जरिये हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है. स्नैपचैट और टिकटॉक जैसे प्लेटफार्मों से संवेदनशील सामग्री को हटाने के लिए निर्देश दिया जाएगा. राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हिंसा ऑनलाइन तरीके से अंजाम दी रही है.
राष्ट्रपति मैक्रों की माता-पिता से अपील
मैक्रों देश की जनता से दंगों को रोकने के लिए अपने बच्चों को घर पर रखने का भी आग्रह किया और कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई युवा हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें घर पर रखना माता-पिता की जिम्मेदारी है, ऐसे में हर परिवार अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह से पालन करे.
दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस ने एक 17 साल के नाबालिग को ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर गोली मार दी, जिसके बाद युवक की मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. घटना को लेकर देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए फ्रांस के कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
व्यवस्था बहाल करने का प्रयास
बढ़ते बवाल को देखते हुए फ्रांस के प्रधानमंत्री मंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने कहा कि सरकार व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी विकल्पों की जांच कर रही है. उन्होंने पेरिस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्राथमिकता राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना है और इसे करने का तरीका व्यवस्था बहाल करना है.
हिंसा रोकना सरकार के लिए चुनौती
विरोध प्रदर्शन की तीसरी रात को बड़े स्तर पर हिंसक प्रदर्शन हुए. प्रदर्शकारियों ने कई कारों को आग के हवाले कर दिया. दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की गई. इन सबके बीच सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अगुवाई वाली फ्रांस की सरकार की कोशिश है कि हिंसक घटनाओं पर जल्द से जल्द काबू पा लिया जाए.
200 पुलिसकर्मी हो चुके हैं घायल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में अब तक 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं. वहीं, 600 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. देश के गृह मंत्री ने जानकारी दी कि विरोध प्रदर्शन को काबू में करने के लिए लगभग 40,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है जोकि नाकाफी हो रहा है.