IAF Deal: भारतीय वायुसेना को इस समय 18-30 टन की क्षमता वाला मीडियम साइज के ट्रांसपोर्टर विमान की जरूरत है. इसको लेकर भारतीय वायुसेना जल्द ही टेंडर निकाल सकती है. इसको देखते हुए फ्रांस की नौसेना बंगाल की खाड़ी में अपने एयरबस 400-M की क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है. इस टेंडर में अमेरिका और ब्राजील भी रुचि ले रहा है.


अमेरिका का ट्रांसपोर्ट विमान सी-130जे और ब्राजील का सी-390 मिलेनियम भारत के टेंडर में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. दूसरी तरफ फ्रांस का मध्यम क्षमता का ट्रांसपोर्ट विमान एयरबस 400-एम इस समय भारत में है. पिछले दिनों बंगाल की खाड़ी के ऊपर में फ्रांस के एयरबस 400-एम और भारत के P-81 ने अभ्यास किया. इस दौरान फ्रांस के ट्रांसपोर्ट विमान ने बेहतर प्रदर्शन किया.


इन क्षेत्रों के लिए भारत को चाहिए विमान
दरअसल, भारत अपनी 7,500 किलोमीटर की लंबी समुद्री तटरेखा और 1380 से अधिक द्वीपों के लिए मालवाहक विमान रखता है. समुद्र में व्यापार के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) को देखते हुए भी भारत को ऐसे विमानों की जरूरत होती है. ट्रांसपोर्ट विमान इन क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 


एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंद महासागर क्षेत्र का महत्व न केवल QUAD देशों के लिए बल्कि फ्रांस के लिए भी बढ़ रहा है. भारत के सैन्य से जुड़ी चीजों में तालमेल बढ़ाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के साथ फ्रांस शामिल हो रहा है. इससे पहले जुलाई 2023 में फ्रांस का फ्रिगेट एफएनएस लोरेन भी भारत आया था. फ्रांस और क्वाड देश अंडमान और निकोबार को विकसित करने के लिए भारत के साथ काम कर रहे हैं, ताकि आसपास के जल क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके.


ब्राजील की कंपनी के साथ महिंद्रा ने किया समझौता
फ्रांस का A-400M ऐसे समय में भारत आया है, जब ब्राजील की कंपनी एम्ब्रायर डिफेंस एंड सिक्योरिटी ने भारत में C-390 मिलेनियम मल्टी-मिशन विमान के निर्माण के लिए भारतीय कंपनी महिंद्रा के साथ समझौता किया है. भारत में तैनात रूसी एंटोनोव एएन-32 के बेड़े को बदलने के लिए भारत में C-390 मिलेनियम विमानों का निर्माण किया जाएगा.


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