Dassault Aviation Big Offer To India : भारतीय नौसेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए भारत सरकार और फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन के बीच 26 राफेल एम लड़ाकू विमानों को लेकर प्रक्रिया अपने अंतिम चरणों में हैं. डसॉल्ट एविएशन और भारतीय नौसेना का नाता काफी पुराना रहा है. 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से पहले 1980 के दशक में भारतीय वायु सेना ने 50 मिराज-2000 विमानों को भी डसॉल्ट से खरीदा था. अब डसॉल्ट की नजरें भारत के मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) पर टिकी हुई हैं. इस योजना में 114 लड़ाकू विमानों को सेना में शामिल किया जाना है.  


भारत के पास होंगे सबसे ज्यादा राफेल लड़ाकू विमान !


डसॉल्ट एविएशन के अलावा दुनिया की और भी कंपनियों की नजर भारत के एमआरएफए प्लान पर हैं. अगर भारत 114 एमआरएफए लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांसिसी कंपनी डसॉल्ट से हाथ मिलता है तो भारत फ्रांसीसी सेना के बाद राफेल का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर बन सकता है. 


आकड़ों के मुताबिक फिलहाल फ्रांस की वायु सेना के पास कुल 185 राफेल फाइटर जेट हैं. वहीं फ्रांसीसी नौसेना के पास 46 राफेल-एम हैं, अगर भारत सरकार और कंपनी के बीच डिफेंस डील होती है, तो भारत के पास 176 राफेल विमान हो जाएंगे. लेकिन जानकारी के लिए बता दें कि इस वक्त रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ट्विन इंजन डेक-आधारित लड़ाकू विमान बनाने पर काम कर रही है. 


यूपी में मेंटीनेंस फैसिलिटी लगाने जा रही डसॉल्ट


डिफेंस सेक्टर में दुनिया भर के लिए भारत के बड़ा ग्राहक रहा है. अमेरिका, रूस और इजरायल की कंपनियों की नजर भारत पर ही रहती है. इस सूची में फ्रांस की नाम भी शामिल है. डसॉल्ट के लिए भी भारत बड़ा ग्राहक है. इसी कड़ी में डसॉल्ट एविएशन उत्तर प्रदेश में एक मेंटीनेंस रिपेयर और ओवरहाल (एमआरओ) फैसिलिटी स्थापित कर रहा है. इस फैसिलिटी में भारतीय वायु सेना में मौजुद फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का रख रखाव किया जाएगा. 


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