गिरफ्तारी से नौकरी तक ट्रंप की नीतियों का भारतीयों पर भी असर दिखना शुरू
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर बैन के बाद अमेरिका की ट्रंप सरकार उन लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है जो अमेरिका के नहीं हैं लेकिन वहां नौकरी करते हैं. ट्रंप सरकार ने उस ड्राफ्ट को तैयार कर लिया है जिसे मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका में काम करने का वीज़ा मिलना मुश्किल हो जाएगा. अभी एच वन बी और एल वन वीज़ा पर भारत के लोग अमेरिका में काम करते हैं. कहा ये भी जा रहा है कि ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की उस नीति को भी ख़त्म कर देंगे जिसकी बदौलत अमेरिका में पढ़ाई करने वाले दूसरे देशों के छात्रों को पढ़ाई खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक अमेरिका में रहने का वक्त मिलता था. इन सारी बातों से कयास ये लगाए जा रहे हैं कि दुनिया के तमाम देशों के साथ भारतीयों की नौकरियों पर भी ख़तरा मंडरा रहा है.
ट्रंप की इन नीतियों का एक भारतीय भी हुआ शिकार
बताते चलें कि चीन के बाद अमेरिका में सबसे ज़्यादा आबादी भारतीयों की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने आस्था और धर्म के आधार पर हो रहे इस भेदभाव परा नाराज़गी जताई है. उन्होंने देशभर में ट्रंप के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर भी दुख जताया है. ट्रंप की इन नीतियों का एक भारतीय भी शिकार हो गया. जब एक भारतीय नागरिक को उत्तरी डकोटा एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आस्था और धर्म के आधार पर शुरू हुए भेदभाव पर नाखुशी जतायी है. ओबामा ने कहा है कि देशभर में ट्रंप की नीति के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन से वो दुखी हैं. इधर ट्रंप नीति का एक भारतीय भी शिकार हो गया है. वडोदरा के 53 साल के कारोबारी परमन राधाकृष्णन को उत्तरी डकोटा एयरपोर्ट को गिरफ्तार कर लिया गया, राधाकृष्णन की पत्नी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई है.
53 साल के परमन राधाकृष्णन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की एंटी माइग्रेंट नीति के शिकार हो गए. उत्तरी डकोटा में पुलिस ने राधाकृष्णन को उस वक्त हिरासत में ले लिया जब एयरपोर्ट पर उनका झगड़ा हो गया. दरअसल ऐसी खबरें आ रही हैं कि राधाकृष्णन ने कथित तौर पर एयरपोर्ट पर बम होने की बात कही थी, यही नहीं उन्होंने वहां मौजूद ट्रेवल एजेंट को कहा कि उनके बैग में विस्फोटक है, इसी के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
परमना राधाकृष्णन की देवकी एनर्जी कंसलटेंट प्राइवेट नाम की कंपनी है, जो कि उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में काम करती है. वो एक हफ्ते के बिजनेस ट्रिप पर अमेरिका गए थे. उनके परिवारवालों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी है, परमन राधाकृष्णन की पत्नी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर लिखा, ”सुषमा जी, मेरे पति परमन राधाकृष्णन एक ईमानदार व्यक्ति हैं और उनमें उर्जा संरक्षण के लिए जुनून है.”
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर जवाब दिया, ”मैंने अमेरिका में भारत के राजदूत से इस पर रिपोर्ट मांगी है.”
इसके अलावा सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, राज्यसभा में निर्दलीय सांसद परिमल नाथवानी ने भी सुषमा स्वराज से गुज़ारिश की है कि वो इस मामले में कारोबारी के परिजन की मदद करें.