वॉशिंगटन: अगर सबकुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्लास्टिक के अपशिष्ट पदार्थों से बने ईंधन से विमान उड़ा करेंगे. दरअसल, वैज्ञानिकों ने पानी की बोतलों और प्लास्टिक बैग अपशिष्ट पदार्थों से विमान ईंधन बनाने का नायाब तरीका निकाला है. शोधकर्ताओं ने विमान ईंधन बनाने के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट को एक्टिवेटेड कार्बन (बढ़े हुए सतह क्षेत्र के साथ प्रसंस्कृत कार्बन) के साथ ऊंचे तापमान पर पिघलाया. इसके बाद शोधकर्ताओं को उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट मिले हैं. यह शोध अमेरिका की वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधार्थी कर रहे हैं.
ऐसे किया गया है शोघ
विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हानवु लेई ने कहा, “प्लास्टिक कचरा विश्व भर में एक बड़ी समस्या है. यह इन प्लास्टिकों के पुनर्चक्रण का यह बहुत अच्छा, साधारण तरीका है.” शोधकर्ताओं ने पानी की बोतलों, दूध की बोतलों, प्लास्टिक बैग आदि जैसे उत्पादों को तीन मिलिमीटर या चावल के दाने जितना महीन पीस लिया. इन दानों को एक ट्यूब संयंत्र में 430 से 571 डिग्री सेल्सियस जैसे उच्च तापमान पर एक एक्टिवेटेड कार्बन के ऊपर रखा गया.''
प्रयोग सफल रहने पर मिलेगी बड़ी कामयाबी
विभिन्न तापमानों पर किए गए इन परीक्षणों के बाद वैज्ञानिकों को इस मिश्रण से 85 प्रतिशत विमान ईंधन और 15 प्रतिशत डीजल ईंधन प्राप्त हुआ है. यह शोध ‘अप्लाईड एनर्जी’ में प्रकाशित हुआ है. अगर बड़े स्तर पर यह शोध कामयाब होता है तो पर्यावरण बचाने की मुहिम में यह एक बड़ी कामयाबी होगी. प्लास्टिक कचड़े की जो विकराल समस्या विश्वस्तर पर होती जा रही है इससे निजात मिलेगी.
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