Rishi Sunak as Krishna Bhakta: भारतीय मूल (Indian origin) के ब्रिटिश सांसद (British MP) ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री (British PM) बन गए हैं. उन्हें ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय (British King Charles III) ने मंगलवार (25 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. ऋषि सुनक का नाम जब पहली बार ब्रिटिश पीएम की रेस में आया था, तभी उन्हें लेकर खूब चर्चा हुई थी. 


ब्रिटेन के इतिहास में यह पहला मौका है कि जब कोई अश्वेत और भारतीय मूल का शख्स सत्ता के शिखर पर पहुंचा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे अद्भुत और अभूतपूर्व मील का पत्थर बताया है. ब्रिटेन के दो सदी से भी ज्यादा के वक्त में पहली बार सबसे युवा शख्स प्रधानमंत्री बना है. सुनक की उम्र 42 साल है. 2020 में वह ब्रिटेन के वित्तमंत्री बने थे. सुनक की उपलब्धि के साथ इन सभी बिंदुओं पर खासी चर्चा हो रही है लेकिन एक पहलू और है, जो चर्चा में खूब उभरकर सामने आ रहा है, वह है उनके हिंदू और एक कृष्ण भक्त होने का.


सुनक कठिन समय में गीता की शिक्षा से लेते हैं काम


सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो मौजूद हैं, जिनमें ऋषि सुनक को कृष्ण भक्त के तौर पर दिखाया गया है. सुनक को धार्मिक अनुष्ठानों और गाय की पूजा करते हुए देखा गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 में ऋषि सुनक जब दूसरी बार सांसद बने थे तब उन्होंने पहली बार श्रीमद्भागवत गीता पर हाथ रखकर कसम खाई थी. इसके बाद उन्होंने इसे जारी रखा. एक बार उनसे जब इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि वह पूरी तरह से ब्रिटिश नागरिक हैं लेकिन एक हिंदू भी हैं और भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत रखते हैं.  


दक्षिण इंग्लैंड के हर्टफोर्डशायर स्थित हरे कृष्ण मंदिर में इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता ने पूजा-अर्चना की थी. इस मौके पर सुनक ने कहा था कि गीता की शिक्षा उन्हें सबसे कठिन समय में लड़ते रहने के लिए शक्ति प्रदान करती है. सुनक ने कहा, ''जन्माष्टमी की संध्या पर यहां होना मेरे लिए बहुत खास है. पिछले कुछ हफ्तों से यह कठिन अभियान रहा है और मेरे पास जो कुछ हैं मैं इसमें दे रहा हूं. सबसे कठिन समय में, अक्षता ने जो मेरे लिए किया है, मुझे गीता की शिक्षा दी है. गीता की शिक्षा मुझे उन चीजों के लिए बढ़ते और लड़ते रहने के लिए शक्ति देती हैं, जिनमें मैं विश्वास करता हूं.'' इसके बाद सुनक ने मंदिर की गौशाला में गाय की पूजा-अर्चना की थी. इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. 



इंग्लैंड के इस मंदिर निर्माण में सुनक के दादा का योगदान


रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंग्लैंड के साउथहैंपटन में एक हिंदू मंदिर है. इसका नाम वैदिक सोसायटी हिंदू टेंपल है. मंदिर के निर्माण में ऋषि सुनक के परिवार का भी योगदान था. बताया जाता है कि उनके दादा रामदास सुनक ने 1971 में मंदिर निर्माण में योगदान दिया था. ऋषि सुनक इस मंदिर में बचपन से जा रहे हैं. बताया जाता है कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के साथ-साथ सनातन धर्म की शिक्षा भी उन्हें बचपन से मिली है. मंदिर के कार्यक्रमों में वह बचपन से हिस्सा लेते रहे हैं. वह बचपन में रथयात्रा में भी भाग लेते रहे हैं. यहां तक कि मंदिर का प्रसाद बनवाने के लिए रसोई में भी उन्होंने हाथ बटाया है. 


एक बार मंदिर की रसोई में सुनक रोटियां बेलते हुए नजर आए थे. वह एक गोल रोटियां बेल रहे थे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथहैंपटन के वैदिक सोसायटी हिंदू मंदिर के अध्यक्ष संजय चंदाराणा ने उनसे पूछा कि क्या वह घर में भी खाना बनवाते हैं? सुनक ने जवाब दिया था, ''हां, मुझे अच्छा लगता है खाना बनाना.''


दादा-दादी के साथ मंदिर जाते थे सुनक


रिपोर्ट के मुताबिक, साउथहैंपटन के वैदिक हिंदू टेंपल में आने वाले एक शख्स नरेश चटवाला ने कहा, ''ऋषि सुनक जब बहुत छोटा बच्चा था तब से मंदिर आया करता था, उनके पैरेंट्स के साथ, उनके ग्रैंड पैरेंट्स के साथ.'' एक और शख्स अविनाश पटेल अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए बताते हैं, ''हमने मूर्ति स्थापना के समय  रथयात्रा निकाली थी. मैंने ऋषि को अपने बच्चों के साथ ट्रक पर बैठाया था, यह उन यादों में से एक है जो कभी मिटती नहीं.''


सुनक ने पढ़ाई के दौरान होटल में वेटर का काम किया


ऋषि के पिता का नाम यशवीर सुनक और माता का नाम ऊषा सुनक है. पिता पेशे से डॉक्टर हैं और मां एक समय तक दवाइयों की दुकान चलाती रही हैं. सुनक के माता-पिता साउथहैंपटन में ही रहते हैं. इसी शहर के कुटीस ब्रेसरी नाम के एक रेस्टोरेंट में सुनक पढ़ाई के दौरान वेटर का काम भी करते थे. उनके घर में पढ़ाई के लिए कोताही नहीं बरती जाती थी. इसलिए सुनक की पढ़ाई अच्छी हुई. ब्रिटेन में परिवार के सफल होने को लेकर एक बार सुनक ने कहा था, ''मेरी मां साउथहैंपटन में बर्गर स्टीट पर स्थानीय केमिस्ट की दुकान चलाती थीं और मेरे पिता एक स्थानीय एनएचएस में जीपी थे, इस देश ने उन्हें एक बेहतर जिंदगी का मौका दिया और उन्होंने इसका फायदा उठाया.'' 


सुनक की पत्नी भी कृष्ण भक्त


2009 में सुनक ने इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से बेंगलुरु में शादी की थी. इस दंपति के दो बच्चे हैं. ऋषि की पत्नी अक्षता भी कृष्ण भक्त हैं. सुनक धार्मिक आयोजनों में उनका नाम लेना नहीं भूलते हैं. सुनक के मुताबिक, अक्षता अक्सर उन्हें मोबाइल पर गीता की बातें मैसेज करती रहती हैं. कई मौकों पर वह खुद को एक प्राउड हिंदू कहने से नहीं चूकते हैं.


यह भी पढ़ें- Rishi Sunak: 2015 में पहली बार सांसद बने और 7 साल के भीतर ब्रिटेन के PM, जानिए कैसा रहा ऋषि सुनक का पॉलिटिकल करियर