ब्यूनस आयर्स: उदारवादी और लोकतांत्रिक माने जाने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और अपने देश सऊदी अरब के एक पत्रकार जमाल खाशोज्जी की निर्मम हत्या का आदेश देने के आरोपी देश के प्रिंस सलमान के बीच बातचीत की एक क्लिप वायरल हो गई है. इस क्लिप में यमन युद्ध अपराधों के भी आरोपी सलमान मैक्रों से ये कह रहे है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है. ये रिकॉर्डिंग G-20 समिट के दौरान दोनों की अनौपचारिक मुलाकात की है.


G-20 समिट के दौरान दोनों नेता जब आपस में बातचीत कर रहे थे तो उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं रहा होगा कि उनकी ये बातचीत रिकॉर्ड हो रही है. दोनों किस बारे में बातचीत कर रहे थे इसे लेकर अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन ब्रिटिश मीडिया द गार्डियन के मुकाबिक फ्रांस के राष्ट्रपति के एक सहयोगी ने ये जानकारी दी कि दोनों के बीच खाशोग्गी की हत्या और यमन युद्ध बातचीत के प्रमुख मुद्दे थे.


द गार्डियन ने इस बातचीत के जिस हिस्से को जारी किया है उसके मुताबिक मैक्रों, सलमान से ये कह रहे हैं, "मैं बेहद चिंतित हूं. मुझे सच में चिंता हो रही है. मैेंने आपसे पहले ही कहा था." जिसके जवाब में सलमान कहते हैं, "हां, आपने मुझे बताया था. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया." फिर मैक्रों कहते हैं, "आप मेरी बात कभी नहीं सुनते." इसके जवाब में सलमान कहते हैं, "ऐसा बिल्कुल नहीं है, मैं आपकी सुनता हूं." इसके जवाब में मैक्रों एक बार फिर कहते हैं, "क्योंकि मैंने आपको बताया था कि ये आपके लिए बहुत ज़रूरी है."


इसके बाद मैक्रों कुछ ऐसा कहते हैं जो सुनाई नहीं देता जिसके जवाब में सलमान कहते हैं, "आप चिंता मत कीजिए. मैं इसे संभाल लूंगा." ऐसी ही एक अधूरी बात में मैंक्रों ने सलमान से कहा, "मैं अपने वचन का पक्का आदमी हूं." फ्रांस के राष्ट्रपति के कार्यालय ने ये जानकारी दी कि दोनों नेताओं के बीच खाशोग्गी के मामले पर बात हुई जिसे लेकर मैक्रों ने सलमान को बेहद सख्त संदेशा दिया और दोनों ने यमन को लेकर राजीनितक समाधान निकालने को लेकर भी चर्चा की.


सलमान का G-20 में जाना एक बेहत जोड़-घटाव करके लिया गया निर्णय था. दरअसल, दो अक्टूबर को हुई सऊदी अरब मूल की पत्रकार की हत्या को लेकर इस बात पर संदेह था कि पश्चिमी जगत के नेता सलमान से मुलाकात करेंगे या नहीं. आपको बता दें कि सलमान पर ऐसे आरोप लगे हैं कि तुर्की स्थित सऊदी अरब के दूतावास में हुई खाशोज्जी की हत्या का आदेश उन्होंने ही दिया था.


खाशोज्जी सलमान के देश से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार थे और वो अमेरिका में प्रतिष्ठित मीडिया द वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे. उनकी लेखनी और सोशल मीडिया पोस्ट के केंद्र में उनके देश सऊदी अरब और वहां के शासन की आलोचना जैसे विषय रहते थे. बताया जाता है कि सलमान अपने विरोधियों को बिल्कुल भी बदर्श्त नहीं करते और किसी तरह के विरोध का पुरज़ोर दमन करते हैं. इसी वजह से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उनके प्रखर आलोचक खाशोज्जी की हत्या उनके ही आदेश पर हुई है.


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