Joe Biden On Taiwan Issue: चीन और ताइवान के बीच तनाव और टकराव की स्थिति बनी हुई है और इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने बुधवार को वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी "रेड लाइन" के बारे में पूछेंगे, ताकि ताइवान पर तनाव बढ़ने के बाद संघर्ष की संभावना को कम किया जा सके. बाइडेन ने G-20 शिखर सम्मेलन के समूह के इतर शी से मिलने की योजना की पुष्टि कर दी है.
बाइडेन ने अमेरिकी मध्यावधि चुनाव के बाद शी जिनपिंग से मुलाकात को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जब हम एक दूसरे के साथ बात करेंगे तो मैं यह जानना चाहता हूं कि हमारी रेड लाइन क्या है." बाइडेन ने कहा कि उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि "शी जिनपिंग चीन के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हितों को लेकर क्या मानते हैं और वे खुद अमेरिका के महत्वपूर्ण हितों के बारे में क्या मानते हैं. ऐसे में यह निर्धारित करना जरूरी है कि वे एक दूसरे के साथ संघर्ष करते हैं या नहीं." वहीं अगर ताइवान और चीन के बीच संघर्ष होता है तो इस पर बाइडेन ने कहा कि उन्हें 'इसे कैसे हल किया जाए' इस पर एक साथ काम करने की उम्मीद है.
चीन पर ताइवान का रुख अभी भी सख्त
गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी हालत में ताइवान पर अपना कब्जा चाहते हैं. अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया था. वे कह चुके हैं कि अगर उन्हें सेना का भी इस्तेमाल करना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया है कि वे ताइवान के मामले में किसी भी बाहरी के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ताइवान की हर संभव मदद का एलान कर चुके हैं.
ताइवान को अमेरिका का समर्थन
बाइडेन ने तीन मौकों पर संकेत दिया है कि वह ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिकी सेना को प्रतिबद्ध करने के लिए तैयार हैं. बाइडेन ने बुधवार को जोर देकर कहा कि चीन के आक्रमण की स्थिति में वॉशिंगटन बल का प्रयोग करेगा या नहीं, इस पर रणनीतिक अस्पष्टता के ऐतिहासिक अमेरिकी रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. बाइडेन ने कहा, "ताइवान सिद्धांत शुरू से ही बिल्कुल नहीं बदला है."
नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन अभी भी नाराज
बाइडेन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की तरह चीन की पहचान संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख वैश्विक प्रतियोगी के रूप में की है और चुनौती के आसपास अमेरिकी नीति को पुनर्निर्देशित करने का वादा किया है. हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने जलवायु परिवर्तन जैसे साझा हितों पर चीन के साथ काम करने का भी वादा किया है. अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने मिस्र में COP27 जलवायु शिखर सम्मेलन में अपने चीनी समकक्ष झी झेंहुआ से संक्षेप में मुलाकात की थी, जिससे तनाव में और गिरावट आई. दूसरी ओर चीन इस बात के संकेत दे चुका है कि वे नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे से नाराज है और जलवायु वार्ता को स्थगित कर सकता है.
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