G20 Summit 2023: G-20 में हिस्सा लेने कितने बजे अमेरिका से निकलेंगे जो बाइडेन, भारत पहुंचकर क्या है कार्यक्रम, यहां जानिए उनका पूरा शेड्यूल
G20 Summit 2023 in Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज यानी बृहस्पतिवार (7 सितंबर) को दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां वह जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
G20 Summit 2023 India: अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडन भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज यानी बृहस्पतिवार (7 सितंबर) को दिल्ली के लिए रवाना होंगे. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी है, साथ ही उनके यात्रा का पूरा शेड्यूल जारी किया है.
व्हाइट हाउस की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति 7 सितंबर को सुबह 2:15 am IST पर व्हाइट हाउस से मरीन 1 हेलीकॉप्टर से जॉइंट बेस एंड्रयूज़ के लिये रवाना होगें. जिसके बाद 2:35am IST पर जॉइंट बेस एंड्रयूज़ से एयरफ़ोर्स 1 से जर्मनी के लिए रवाना होगें.
शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे जो बाइडेन
8 सितम्बर, दिन शुक्रवार को बाइडन थोड़े समय के लिए जर्मनी के रामस्टीन पहुंचेंगे, जहां उनके विमान में ईंधन भरा जाएगा. जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जर्मनी से भारत (नई दिल्ली) के लिए प्रस्थान करेंगे. शुक्रवार को ही जो बाइडन भारत पहुंच जाएंगे. शुक्रवार शाम 5 बजे के क़रीब बाइडन का एयरफ़ोर्स 1 पालम के टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. भारत पहुंचने के बाद वह पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे. पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के बाद बाइडन अगले दो दिनों तक जी20 शिखर सम्मेलन में आयोजित सत्रों में हिस्सा लेंगे, और बाद में वह वियतनाम की यात्रा करेंगे.
Covid-19 टेस्ट आया है निगेटिव
गौरतलब है कि इससे पहले व्हाइट हाउस ने जानकारी दी थी कि, राष्ट्रपति जो बाइडेन का बुधवार को फिर से Covid-19 टेस्ट नेगेटिव आया है और इसलिए उनके इस सप्ताह के जी 20 शिखर सम्मेलन की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं होगा. वे भारत यात्रा पर तय कार्यक्रम के तहत जाएंगे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने बुधवार को दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से कहा कि इस सप्ताह निर्धारित भारत और वियतनाम की बाइडन की यात्रा में कोई बदलाव नहीं होगा.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडन, जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उनमें विकासशील देशों के लिए काम करना, जलवायु, प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर प्रगति करना और बहुपक्षीय विकास बैंकों को नया आकार देना शामिल हैं.