(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
G20 Summit 2023: दुनिया में जी20 के अलावा और कौन-कौन से संगठन हैं सबसे पावरफुल, जानें एक क्लिक में
G20 Summit: आज हम कुछ ऐसे ही दुनिया के अन्य संगठन या समूह के बारे में बात करेंगे, जिसकी अध्यक्षता या नेतृत्व कई देश मिलकर करते हैं. इनमें से कई समूह या संगठन जी20 से भी ताकतवर मानी जाती है.
G20 Summit in Delhi: इस साल भारत जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इसके लिए देश की राजधानी दिल्ली में स्टेज तैयार हो चुका है. जी 20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाली है. इसके लिए दुनिया भर से शीर्ष नेताओं का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है. इसी क्रम में आज यानी 8 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पहुंचने वाले हैं.
आपको बता दें कि जी 20 दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों का एक समूह है, जो इंटरनेशनल लेवल पर आर्थिक मुद्दों से लेकर पर्यावरण तक के मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है और उसमें सुधार लाने के लिए हल निकालता है.
हालांकि, दुनिया में जी 20 जैसे और भी कई ऐसी संगठन या समूह है, जो अलग-अलग मुद्दों पर दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करती है. आज हम कुछ ऐसे ही दुनिया के अन्य संगठन या समूह के बारे में बात करेंगे, जिसकी अध्यक्षता या नेतृत्व कई देश मिलकर करते हैं. इनमें से कई समूह या संगठन जी20 से भी ताकतवर मानी जाती है, जिनमें से एक है संयुक्त राष्ट्र संगठन (UN), G7 समेत कई अन्य समूह या संगठन भी हैं.
संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO)
संयुक्त राष्ट्र का गठन सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद हुआ था. इस संगठन का निर्माण शांति बनाए रखने के लिए किया गया था, जिसका उद्देश्य भविष्य में होने वाले संघर्षों को रोकना था. इसका गठन असफल राष्ट्र संघ के उत्तराधिकारी के रूप में किया गया था. सैन फ्रांसिस्को में 25 अप्रैल 1945 को एक बैठक के दौरान 50 सरकारों की परिषद ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किये.
चार्टर को 25 जून 1945 को मंजूरी दी गई और 24 अक्टूबर 1945 से लागू किया गया. चार्टर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों में विश्व स्तर पर शांति और सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, विकास को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना शामिल था. शुरूआती दौर में संयुक्त राष्ट्र में केवल 51 सदस्य देश थे, जो साल 2023 तक बढ़कर 193 हो गए.
G7 (Group Of 7)
G7 एक अंतर्राष्ट्रीय समूह है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम (यूके) शामिल है. ये समूह वैश्विक आर्थिक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सालाना बैठक करता है.
आपको बता दे कि रूस 1998 से 2014 तक इस मंच से जुड़ा रहा, जब इस समूह को ग्रुप ऑफ जी 8 के रूप में जाना जाता था, लेकिन यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर इसके कब्जे के बाद इसे निलंबित कर दिया गया था.
कॉमनवेल्थ
संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा कॉमनवेल्थ ही एकमात्र ऐसी संस्था है, जिसने दुनिया भर के विकसित और विकासशील देशों को संगठित किया है. इस संगठन से जुड़े अधिकांश सदस्य पहले ब्रिटेन के उपनिवेश थे. कॉमनवेल्थ का हेडक्वार्टर लंदन का मार्लबोरो हाउस है.
इस संगठन के प्रमुख नेता ब्रिटिश राजा/रानी है. कॉमनवेल्थ सरकार के नेताओं की बैठक दो साल के अंतराल में एक बार होती है. ब्रिटिश कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस की स्थापना साल 1931 में वेस्टमिंस्टर में की गई.
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC)
सार्क दक्षिण एशिया के सात देशों के सहयोग से सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्रों में योगदान में सुधार के लिए गठित एक संस्था है. इस समय SAARC में आठ सदस्य हैं, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और अफगानिस्तान शामिल है. इसका गठन दिसंबर 1985 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई बैठक में किया गया था.सार्क का स्थायी मुख्यालय नेपाल के काठमांडू में स्थित है.
आसियान (ASEAN)
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) का गठन 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक में किया गया था. इस संगठन में दस देश शामिल है, जिसमें ब्रुनेई दारुस्सलाम, बर्मा, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है. आसियान का मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्थित है. हालांकि, इसमें भारत एक सदस्य नहीं, लेकिन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भारत की स्थिति मजबूत, जिसके लिए वो बैठक में शामिल होता है. इसी के मद्देनजर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ASEAN की बैठक में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया के जार्काता गए हुए थे.