G-20 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में G-20 समिट में भाग लेकर वापस लौटे हैं. उनकी उपस्थिति ने G20 समिट में शामिल देशों को काफी ज्यादा प्रभावित किया. G20 संयुक्त घोषणा में अमेरिका ने जिस तरह से पीएम मोदी की तारीफ की गई उससे यह काफी हद तक स्पष्ट भी होता है. अमेरिका ने ये कहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए.
अमेरिका ने शुक्रवार (18 नवंबर) को कहा, 'इंडोनेशिया में हाल में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन की बाली घोषणा पत्र संबंधी बातचीत में भारत ने अहम भूमिका निभाई. भारत ने शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र संबंधी बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए. हमारे पास अन्य प्राथमिकताओं के बीच एक लचीली ग्लोबल इकोनॉमी बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए वर्तमान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को दूर करने का एक रास्ता है."
भारत दिसंबर में जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन गुरुवार (17 नवंबर) को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटे. भारत 2023 में जी-20 की अध्यक्षता करेगा. G20 के सभी सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कहना है कि भारत की अध्यक्षता जी-20 के इतिहास में महत्वपूर्ण साबित होगी.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन ज्यां पियरे ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के संबंध इस नतीजे के लिए महत्वपूर्ण थे और हम भारत की अगले साल जी-20 अध्यक्षता के दौरान सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. हम अगली बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं". उन्होंने बताया कि बाइडेन ने शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से बात की.
पीएम मोदी ने कई देशों के नेताओं से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 समिट में कई देशों के नेताओं से की मुलाकात की. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज से दोनों देशों के बीच शिक्षा, नवाचार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान देने के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान वाणिज्यिक संपर्क बढ़ाने, भारत के रक्षा सुधारों के संदर्भ में सुरक्षा सहयोग का दायरा बढ़ाने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और भी मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की गई. पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से भी बातचीत की और दोनों नेताओं ने आर्थिक और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर चर्चा की.
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