ब्रुसेल्स में बैठक के बाद G7 के नेताओं ने एक बयान में कहा, "हम रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों या संबंधित सामग्री के उपयोग के किसी भी खतरे के खिलाफ चेतावनी देते हैं." इसके अलावा, उस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बहुत ही स्पष्ट तरीके से कहा कि अगर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल होता है तो वह एक्शन लेंगे. जो बाइडेन ने कहा कि अगर रूस, यूक्रेन में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो "हम जवाब देंगे."


इसके अलावा जो बाइडन ने कहा कि वह रूस को जी (समूह) -20 से बाहर करना चाहते हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर नाटो की आपात बैठकों के बाद उन्होंने यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि समूह से रूस को बाहर किया जाए अगर इससे इंडोनेशिया और अन्य असहमत होंगे तो वह चाहेंगे कि यूक्रेनी नेताओं को भी बातचीत में शामिल किया जाए. बता दें कि जी-20, 19 देशों और यूरोपीय संघ का अंतर सरकारी मंच है, जो प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर काम करता है.


संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस जिम्मेदार बताया 
वहीं, दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारी सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को दोषी बताया गया है. इसके साथ ही, प्रस्ताव में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने तथा लाखों नागरिकों सहित घरों, स्कूलों और अस्पतालों की सुरक्षा करने की अपील की गई है.


यह प्रस्ताव 5-140 मतों से पास हुआ. पांच देशों ने इसके विरोध में वोट किया जबकि 140 ने इसके पक्ष में वोट किया. प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने वाले पांच देशों में बेलारूस, सीरिया, उत्तर कोरिया और इरीट्रिया और रूस शामिल हैं.


यह प्रस्ताव रूस की आक्रामकता के ‘गंभीर मानवीय परिणामों’ की निंदा करता है. प्रस्ताव मे कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पिछले कई दशकों में इतना बड़ा मानवीय संकट यूरोप में नहीं देखा.


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