G7 Ban On Russian Diamond: जापान (Japan) के हिरोशिमा में हुए G 7 समिट के दौरान सदस्य देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लागू करते हुए रूसी डायमंड पर बैन लगाने की घोषणा की है. इसके अलावा उन्होंने रूसी जहाजों और विमानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. G7 सदस्य देशों के इस फैसले का असर भारत के हीरा मार्केट पर भी दिखेगा.
रूसी हीरों पर नए प्रतिबंध लगाने के जी7 के फैसले ने कथित तौर पर सूरत में लगभग दस लाख हीरा श्रमिकों की नौकरी खतरे में डाल दी है. इकॉनोमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 10 में से 9 हीरे भारत में तराशे और पॉलिश किए जाते हैं. भारतीय व्यापारी हीरा खनन कंपनी अलरोसा से रूसी हीरे का आयात करते हैं. ये कंपनी ग्लोबल वर्ल्ड में कच्चे हीरे के उत्पादन का 30 फीसदी हिस्सेदारी रखता है.
रूसी हीरों पर प्रतिबंध एक झटका है
पिछले साल यूक्रेन पर हमला करने के बाद से जी7 देश रूस पर एक के बाद एक कई प्रतिबंध लगा रहे हैं. पहले से ही मांग में गिरावट और अब रूसी हीरों पर प्रतिबंध सूरत के हीरा कारीगरों के लिए एक झटका है. प्रतिबंधों के कारण हीरों की सप्लाई प्रभावित हुई है, जिससे हीरा व्यापारियों का काम प्रभावित हुआ है.
हालांकि, रिपोर्ट में जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के चेयरमैन विपुल शाह के हवाले से कहा गया है कि फिलहाल हीरे की मांग कम है, इसलिए उद्योग कम सप्लाई के साथ मैनेज करने में सक्षम है. चेयरमैन विपुल शाह के अनुसार समस्या तब पैदा होगी जब हीरे की मांग और बढ़ेगी.
टैक्स को टारगेट करना है
हाल ही में जापान में हुई G7 की बैठक के बाद, समूह ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य रूस के हीरे के एक्सपोर्ट से पैदा होने वाले टैक्स को टारगेट करना है. G7 समूह ने कहा कि हम रूस में खनन, संसाधित या उत्पादित हीरों के व्यापार और उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे और भविष्य के प्रतिबंधात्मक उपायों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रमुख भागीदारों के साथ जुड़ेंगे.