वॉशिंगटन: अमेरिका की पहली हिंदू सांसद और देश के अगले राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से टिकट के दावेदारों में शामिल तुलसी गर्बाड का कहना है कि उन्हें साल 2017 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से मुलाकात पर कोई अफसोस नहीं है. गौरतलब है कि असद पर सालों से चल रहे सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान अपने ही नागरिकों पर जैविक हथियारों का प्रयोग करने के आरोप हैं.


गर्बाड ने सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि देश की सुरक्षा और शांति को मद्देनजर रखते हुए अमेरिका के नेताओं को विदेशी नेताओं के साथ मुलाकात करनी ही होगी. जैविक हमलों के लिए असद पर शक जाहिर करने वालों का समर्थन करने के लिए इससे पहले भी गर्बाड की आलोचना हो चुकी है.


जब गर्बाड से पूछा गया कि क्या उन्हें असद के साथ हुई मुलाकात पर अफसोस है तो उन्होंने कहा, नहीं, मैं सोचती हूं कि इससे फर्क नहीं पड़ता. अगर हम अमेरिका की सुरक्षा और शांति के प्रति गंभीर हैं तो इस देश के किसी भी नेता के लिए विदेशी नेताओं से मुलाकात करने का महत्व बरकरार है, भले ही वह दोस्त हों, विरोधी या फिर संभावित विरोधी. गर्बाड ने अपनी इस मुलाकात की तुलना अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन की साल 2018 में हुई मुलाकात से भी की.


इराक युद्ध में हिस्सा ले चुकीं गर्बाड ने कहा, मैंने क्यक्तिगत तौर पर युद्ध की कीमत देखी है, और इसी के चलते मैं शांति के लिए डटकर लोहा लेती हूं. और यह उन परिस्थितियों की सच्चाई है जिनसे आज हमारा सामना हो रहा है. इसी के चलते मैंने ट्रंप से पहले भी मांग की थी और अब भी करती हूं कि वह उत्तर कोरिया में किम जोंग उन जैसे लोगों से मुलाकात क रना जारी रखें, क्योंकि हमें पता है कि दांव पर क्या लगा है. ऐसी मुलाकातों से बचने का एक ही विकल्प है, ज्यादा युद्ध.


आपको बता दें कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पछिले साल सीरिया के जैविक हथियारों के ठिकानों पर 100 से ज्यादा मिसाइलें दागी थीं. वॉशिंगटन ने यह भी धमकी दी है कि अगर असद ने जैविक हथियारों का प्रयोग नहीं रोका तो वे और भी हमले करेंगे. सीरिया की सरकार ने ऐसे आरोपों को खारिज किया है.


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