George Soros On PM Modi: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. सोरोस ने दावा किया कि उनके भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से मधुर संबंध हैं.


सोरोस ने यह टिप्पणी गुरुवार (16 फरवरी 2023) को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले टेक्निकल यूनिवर्सिटी आफ म्यूनिख (TUM) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की. उन्होंने पीएम मोदी पर अडानी के स्टॉक में हेरफेर करने का आरोप है. अडानी विवाद पर उन्होंने कहा, "अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार में धन जुटाने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा. उनका स्टॉक रेत की महल की तरह ढह गया है." 


अडानी विवाद में पीएम मोदी को घेरा


सोरोस ने कहा, "भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा." बता दें कि सोरोस पहले भी पीएम मोदी पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने भारत में नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का विरोध किया था. 


पीएम मोदी पर लगाया यह आरोप


सोरोस ने पीएम मोदी पर क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. सोरोस ने दावा किया कि पीएम मोदी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "राष्ट्रवाद अब बहुत आगे निकल गया है. इसका सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका भारत को लगा है, क्योंकि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं."


जानिए कौन हैं जॉर्ज सोरोस?


जॉर्ज सोरोस अमेरिका के मशहूर व्यापारी, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वह ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (OSUN) के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के निदेशक बोर्ड के पूर्व सदस्य हैं. उन्होंने इसके लिए एक अरब डॉलर ( करीब 7100 करोड़ रुपए ) का निवेश करने की बात कही थी. नास्तिक होने का दावा करने वाले जॉर्ज सोरोस खुद को दार्शनिक कहलाना पसंद करते हैं. उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिखी हैं. 


राजनीति में करते हैं काफी हस्तक्षेप


राजनीति में सोरोस का काफी दखल रहता है. साल 2004 में वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को हराने के लिए चंदे में एक बड़ी रकम दी थी. हाल ही में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताया है. उन्होंने कहा, "ये तीनों नेता सत्ता में पकड़ बनाए रखने के लिए तानाशाही की ओर बढ़ने वाले नेता हैं."


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