तवांग में झड़प के बीच जर्मनी ने कहा, भारत के अलावा कोई और देश नहीं कर सकता चीन का मुकाबला
Tawang: जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प चिंता का विषय है. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
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India China clash: जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प चिंता का विषय है. किसी भी देश को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. फिलिप एकरमैन ने यह भी कहा कि भारत और जर्मनी दोनों देश रूस और चीन के मुद्दों को लेकर एक-दूसरे से संपर्क में हैं.
भारत में संरक्षणवादी माहौल: जर्मनी
फिलिप एकरमैन कहते हैं कि कारोबार लिए लोग अब भी मलेशिया या वियतनाम को ज्यादा तवज्जो देते हैं. उनको यह समझ नहीं आता लोग भारत को क्यों नहीं इस नज़रिये से देखते हैं. एकरमैन ने कहा कि भारत में संरक्षणवादी माहौल और नियामक से जुड़ी कुछ समस्याएं इसकी एक वजह हो सकती है. एकरमैन कहते हैं कि उन्हें इस बात का दुःख है कि भारत हमारी प्राथमिकता में उतना नहीं आता जितना उसे आना चाहिए. फिलिप एकरमैन ने स्पष्ट किया कि विकास, जनसंख्या के लिहाज से बात करें तो भारत के अलावा कोई और देश नहीं है, जो चीन का मुक़ाबला कर सकता है.
एकरमैन ने कहा कि एलएसी पर हुई भारत और चीन की झड़प को लेकर जर्मनी के पास अभी पूरी जानकारी नहीं है. जर्मन राजदूत ने कहा कि इसको लेकर हम चिंतित हैं. वह कहते हैं कि मीडिया में उन्होंने अब तक जो कुछ भी देखा है उसे यह स्पष्ट है कि वो हिंसा है.
फिलिप एकरमैन ने कहा, "हमें अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर का उल्लंघन करने से हमेशा बचना चाहिए. अगर यूरोप की बात करें तो रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण पहले से ही लोगों के जीवन में काफी मुश्किलें चल रही हैं. ऊर्जा की बेतहाशा कीमत की बात करें या शरणार्थी संकट की, इस समय सभी उच्चतम स्तर पर हैं."
अमेरिका ने आलोचना की
अमेरिका ने भी भारत और चीन कि झड़प की आलोचना की है. अमेरिका ने एक ब्यान में कहा है कि इस पूरे मामले पर उसकी पैनी नज़र है. चीन उकसाने वाली नीति को अपना रहा है और जानबूझ कर इंडो-पैसेफिक रीजन में अमेरिका के सहयोगी देशों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
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