India-German Relations: भारत के पनडुब्बी कार्यक्रम P75I के लिए जर्मनी एक बार फिर आगे आया है. भारत सरकार का यह प्रोजेक्ट लंबे समय से अधर में है. इस प्रोजेक्ट के तहत भारत घरेलू स्तर पर स्कॉर्पीन श्रेणी की छह हमलावर पनडुब्बियों का निर्माण करना चाहता है. पहली बार साल 1997 में सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों के रिप्लेंसमेंट के लिए सुरक्षा कैबिनेट समिति ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इसके मुताबिक साल 2020 तक पनडुब्बियों का परिचालन होना था, लेकिन यह साल 2024 में भी शुरू नहीं हो सका. 


यूरेशियन टाइम्स के मुताबिक, साल 2020 में भारत सरकार ने P75I के लिए दो शिपयार्ड और पांच विदेशी रक्षा कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया था. इस दौरान मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को स्वदेशी निर्माण के लिए नामित किया गया था. साल 2021 में MDL ने एक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन के साथ साझेदारों की तलाश की. इस दौरान तीन दावेदार- नेवल ग्रुप (फ्रांस), रोसोबोरोनेक्सपोर्ट (रूस), और नवंतिया (स्पेन) को बाहर कर दिया गया. ऐसे में जर्मनी से थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) और दक्षिण कोरिया से देवू शिपबिल्डिंग एंड मरीन इंजीनियरिंग (DSME) दो ही कंपनियां बची. दूसरी तरफ TKMS ने कुछ मुद्दे उठाते हुए कार्यक्रम से हटने का फैसला ले लिया, जिसके बाद एक बार फिर यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया. 


अब एक बार फिर जर्मन की कंपनी टीकेएमएस ने इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है. जून 2023 में जर्मन रक्षा मंत्री ने अपनी भारत यात्रा के दौरान एक बार फिर इस पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर उत्सुकता दिखाई. इस दौरान उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में टीकेएमएस की वकालत की. साथ ही पनडुब्बी सौदे को दोनों देशों के बीच एक प्रमुख परियोजना बनने की क्षमता पर जोर दिया. जनवरी 2024 में जर्मनी ने P75I के तहत भारत को छह उन्नत पारंपरिक पनडुब्बियों की आपूर्ति के लिए भारत सरकार के सामने सौदे का प्रस्ताव रखा. 


भारत में मौजूद जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने P75I के लिए टीकेएमएस और भारतीय नौसेना के बीच बातचीत के लिए पूर्ण समर्थन किया. फिलिप ने उच्च तकनीक वाली पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की जर्मनी की प्रतिबद्धता जाहिर की. इसके अलावा जर्मनी ने अप्रैल 2024 में भारत के साथ निर्यात में प्रतिबंधों को ढील दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, टीकेएमएस और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने पनडुब्बी डिजाइन के लिए पहले चरण पर काम शुरू कर दिया है. बताया जाता है कि जर्मनी भारतीय नौसेना को एआईपी प्रणाली पर आधारित अपनी एसडीडब्ल्यू श्रेणी की डॉल्फिन पनडुब्बी की पेशकश कर रहा है.