कई यूरोपीय देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर को काबू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जर्मनी में भी कोविड-19 के मामलों में उछाल देखा जा रहा है. अधिकारियों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में बेहताशा बढ़ोतरी का दावा किया है. जर्मनी में अस्पतालों का कोविड-19 के संक्रमित मरीजों को भर्ती और इलाज करना मुश्किल हो रहा है. अधिकतर मरीज गंभीर स्थिति में लाए जा रहे हैं और उन्हें इंटेसिव केयर यूनिट की जरूरत पड़ रही है.


जर्मनी में कोविड-19 संक्रमित मरीजों से अस्पताल भरे


अस्पतालों के इंटेसिव केयर यूनिट में गंभीर रूप से कोविड-19 के मरीज 40 फीसद बढ़ गए हैं. ये बढ़ोतरी जर्मनी में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान सामने आए मामलों से पांच गुना अधिक है. जर्मन हॉस्पीटल फेडरेशन के प्रमुख गेराल्ड गास ने कहा, "कई राज्यों जैसे सच्सेन में इंटेसिव केयर में मरीजों की संख्या अप्रैल से पांच गुना अधिक है. अस्पतालों की क्षमता मरीजों से या तो भर गई है या फिर सीमा पार कर गई है." आईसीयू मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी के अलावा औसत करीब 16 हजार कोरोना मरीजों का सामान्य वार्ड में इलाज किया जा रहा है.


गंभीर रूप से पीड़ित लाए जा रहे इंटेसिव केयर यूनिट


मरीजों की संख्या में बेहताशा वृद्धि देखकर अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. अस्पताल अब आम तौर पर क्षमता से अत्यधिक भरे पड़े हैं. कुछ अस्पतालों ने दावा किया है कि उनके आईसीयू वार्ड के बेड एक हफ्ता से भरे हुए हैं. विशेषज्ञों ने योग्य नर्सों और अस्पताल के स्टाफ की कमी पर चिंता जताई है. एसोसिएशन ऑफ इंटेसिव एंड इमरजेंसी मेडिसीन के प्रमुख उवे जानसेन्स ने कहा, "अगर आनेवाले चंद हफ्तों तक स्थिति खराब रही तो मालूम नहीं अस्पताल कब तक कोविड-19 मरीजों की संख्या को नियंत्रित करने में सफल हो पाएंगे." पिछले सप्ताह के अंत में जर्मनी के एक सबसे बड़े अस्पताल ने आपातकालीन मरीजों को भर्ती करने से इंकार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के 1200 बेड में से 85 फीसद वर्तमान में कोविड-19 मरीजोों से भर गए हैं.


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