कोरोना दुनियाभर में अभी भी काल बनकर लोगों की जान ले रहा है. इस महामारी के चलते अब तक करीब सात करोड़ सत्ताइस लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं जबकि दुनियाभर में सोलह लाख बीस हजार से ज्यादा ने जान गंवाई है. कोरोना की दूसरी लहर इस वक्त यूरोपीय देशों में चल रही है. ऐसे में वहां के देशों की तरफ से इसकी रोकथाम को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.  जर्मनी में कोरोना की दूसरी लहर के चलते लॉकडाउन में सख्ती के चलते यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर एक और मंदी का खतरा गहरा गया है. चांसलर एजेंला मर्केल और राज्य के नेताओं की तरफ से रविवार को इस बार पर सहमति बनी है कि बुधवार से लेकर ज्यादातर स्टोर्स कम से कम 10 जनवरी तक बंद रहेंगे ताकि कोरोना से बचा जा सके.


जर्मनी में तो कोरोना की दूसरी लहर मार्च और अप्रैल के मुकाबले कही ज्यादा खतरनाक दिख रही है. यहां की हालत ये हो गई है कि नब्बे से पच्चानवें फीसदी आईसीयू फूल है. ऐसे में जर्मनी सरकार अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन लागू करने वाली है. जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल और जर्मनी के सोलह राज्यों के गवर्नर रविवार को इस बात पर तैयार हो गए कि कोरोना की रोकथाम के लिए दस जनवरी तक कड़ा लॉकडाउन लागू किया जाए.


यहां की सरकार ने दो दिन पहले ही यहां के लोगों से कहा है कि वे आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी कर ले. एंजेला मर्केल ने अपील किया है कि जो लोग अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाना चाहते हैं, उन्हें एक हफ्ते पहले से खुद को अलग कर लेना चाहिए. जर्मनी में अब तक कोरोना से 1,338,483 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 22,406 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.


मार्च-अप्रैल में लगाई गई पाबंदियों के दौरान जर्मनी में रात का कर्फ्यू नहीं लगाया गया था, लेकिन इस बार रात में कर्फ्यू लगाने की चर्चा भी हो रही है. जर्मनी में लॉकडाउन के दौरान सभी दुकानें, स्कूल आदि बंद रहेंगे और दो गज की दूरी के नियम का बेहद कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.