Human Body Burning Effect: आग (Fire) एक बहुत ही विनाशकारी शक्ति है. ये बहुत बड़ी बर्बादी करने में सक्षम है. वैसे आग किसी भी चीज को जलाने में सक्षम होता है. वहीं ह्यूमन बॉडी पर भी आग से जलने के कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. कई तरह की स्थिति में ह्यूमन बॉडी जली हुई पाई जाती है. ह्यूमन बॉडी के जलने पर क्या होता है आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
कंकाल जलने पर राख में नहीं बदलता
यह ध्यान रखना जरूरी है कि कंकाल जलने पर राख में नहीं बदलता. यहां तक कि आधुनिक शवदाह गृहों में भी, जो कुशलतापूर्वक और हाई टेम्परेचर पर जलते हैं, शरीर का कंकाल कभी पूरी तरह नहीं जलता है. कंकाल के अवशेषों को शरीर जलने के बाद श्मशान से निकाला जाता है और अवशेषों को श्मशान घाट पर रखते है. वहीं कंकाल न जलने के स्थिति में उसे पीसा जाता है.
ह्यूमन बॉडी एक सॉफ्ट और हार्ड कोशिकाओं से बना रहता है. आग की वजह से सॉफ्ट टिशू सिकुड़ जाती है. इससे स्किन फट जाती है. शरीर की चर्बी और मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं.
शरीर के अलग-अलग हिस्से जलते हैं
ह्यूमन बॉडी जलने के कारण इसकी मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और मुड़ जाती है. शरीर के अंदर के हिस्से भी सिकुड़ने लगते हैं. इसकी वजह से बॉडी एक बॉक्सर वाले पोज में दिखने लग जाती है. आग की गर्मी से हड्डी में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं.
शरीर में चर्बी के होने और शरीर के अलग-अलग बनावट की वजह से बॉडी कई तरह से जलती है. शरीर के जिस हिस्से को ज्यादा गर्मी मिलती है, वो उतनी जल्तदी जलती है. उदाहरण के तौर पर अक्सर हाथों और पैरों की हड्डियां इतनी अधिक तीव्रता से नहीं जलती हैं, जितनी शरीर के अन्य हिस्से जलते हैं. ज्यादा चर्बी वाले अंग अधिक तीव्रता से जलते हैं.