World Hindu-Muslim Population: दुनिया की धार्मिक छवि तेजी से बदल रही है, और 2050 तक यह परिवर्तन और भी स्पष्ट हो जाएगा. मुख्य रूप से प्रजनन दर, युवा आबादी और लोगों की ओर से धर्म परिवर्तन जैसे वजहों के कारण दुनिया के प्रमुख धर्मों में वृद्धि और बदलाव हो रहा है. प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमान के अनुसार, इस्लाम 21वीं सदी के मध्य तक सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म होगा.


2050 तक इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी में 73 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है. 2050 तक मुसलमानों की संख्या 2.8 बिलियन होगी, जो कि दुनिया की आबादी का 30 फीसदी होगा. हिंदू धर्म की वैश्विक आबादी में भी वृद्धि होगी, जो 1 बिलियन से बढ़कर 1.4 बिलियन तक हो जाएगी. यह वृद्धि वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखेगी, और हिंदू आबादी दुनिया की कुल आबादी का 15 फीसदी बनी रहेगी. 


कनाडा और अमेरिका में मुस्लिम आबादी का विस्तार
कनाडा और अमेरिका में मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है. कनाडा में, मुस्लिम आबादी 2030 तक तिगुनी हो जाएगी, जो 2010 में 940,000 से बढ़कर 2.7 मिलियन हो जाएगी. ये कनाडा की कुल आबादी का 6.6 फीसदी होगा. अमेरिका में भी मुस्लिम आबादी में वृद्धि देखी जाएगी. 2030 तक अमेरिका में 0-4 साल के मुस्लिम बच्चों की संख्या 650,000 से अधिक हो जाएगी, जो 2010 में 200,000 थी.


हिंदू धर्म और भारत की जनसांख्यिकी
भारत और नेपाल 2050 तक भी हिंदू बहुल देश बने रहेंगे. 2010 में, भारत की 80 फीसदी आबादी हिंदू थी, जबकि 2050 तक यह 77 फीसदी हो जाएगी. हालाकि, भारत की जनसंख्या दुनिया की कुल आबादी का 18 फीसदी बनी रहेगी, जिससे हिंदू धर्म की वैश्विक हिस्सेदारी 15 फीसदी बनी रहेगी.


दुनिया की धार्मिक छवि
2050 तक, दुनिया की धार्मिक छवि में बड़े बदलाव आएंगे. इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ता हुआ धर्म होगा, जबकि ईसाई धर्म सबसे बड़ा धार्मिक समूह बना रहेगा. हिंदू धर्म की आबादी भी स्थिर रहेगी, जबकि बौद्ध धर्म में वृद्धि की संभावना कम है. यह जनसांख्यिकीय परिवर्तन दुनिया की राजनीति, समाज और सांस्कृतिक संरचनाओं पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं.


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