Global Terrorist Abdul Rehman Makki: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी लीडर अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में शामिल कर दिया है. वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद अब्लुद रहमान मक्की ने लाहौर (पाकिस्तान) की कोट लखपत जेल एक वीडियो जारी किया. वीडियो में उसने अल कायदा या इस्लामिक स्टेट से किसी भी तरह के लिंक से इनकार किया.
पीटीआई ने मक्की के हवाले से कहा, "मेरा मानना है कि मेरी लिस्टिंग का आधार भारत सरकार की गलत सूचना पर आधारित है. मैं ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी या अब्दुल्ला आजम से कभी नहीं मिला, जैसा कि कुछ रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है."
मक्की 2019 में हुआ था गिरफ्तार
मक्की को 2019 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरफ्तार किया गया था और टेरर फंडिंग (Terror Funding) के आरोप में नवंबर और दिसंबर 2020 में दो अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया गया था. वह सईद और कुछ अन्य LeT और JuD के वरिष्ठ नेताओं के साथ आतंकी वित्त मामलों में सजा काट रहा है.
अल-कायदा और ISIS का जिक्र कर ये बोला मक्की
मक्की ने कहा कि वो अल-कायदा और आईएसआईएस (ISIS) के विचारों और कार्यों को पूरी तरह से अलग मानता है. उसने कहा, "मैं इस तरह के समूहों द्वारा किए गए सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा की निंदा करता हूं. मैं कश्मीर के संबंध में पाकिस्तानी सरकार की प्रमुख स्थिति में विश्वास करता हूं."
'तय प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ'
UNSC के फैसले पर खेद जताते हुए मक्की ने कहा, "इन लिस्टिंग के संबंध में न तो किसी तय प्रक्रिया का पालन किया गया और न ही जानकारी दी गई." मक्की 1980 के दशक में इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद (Islamic University Islamabad) के एक संकाय सदस्य होने के आरोपों से भी इनकार किया, जहां उस पर अल कायदा के नेताओं या अफगान कमांडरों से मिलने का आरोप लगाया गया था.