Climate Catastrophe: बढ़ता जा रहा है पारा, आने वाली है नई आपदा ? यूएन क्लाइमेट चीफ ने कहा- दुनिया को बचाने के लिए सिर्फ 2 साल
UN Climate Chief Warning: लंदन के चैथम हाउस में हुए एक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख साइमन स्टिल ने कहा कि हर देश को एक नई योजना प्रस्तुत करनी होगी.
Big Alert for Climate Catastrophe: मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन बड़ी समस्या है और पूरी दुनिया इससे लड़ने को लेकर तमाम दावे कर रही है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख साइमन स्टिल ने बुधवार (10 अप्रैल, 2024) को जलवायु परिवरत्न के संबंध में बड़ी चेतावनी जारी की. उन्होंने "दुनिया को बचाने के लिए दो साल" थीम वाले एक भाषण में चेतावनी देते हुए कहा कि जलवायु आपदा से बचने के लिए दुनिया के पास केवल दो साल बचे हैं.
स्टेल ने दुनिया के देशों से पेरिस समझौते के तहत अपनी जलवायु योजनाओं को तत्काल मजबूत करने का आह्वान किया, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान/नेशनली डिटरमाइंड कंट्रिब्यूशन (NDC) के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान एनडीसी 2030 तक उत्सर्जन को मुश्किल से कम कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर इंटरगवर्नमेंटल पैनल चेतावनी भी जारी कर चुका है. इसमें कहा गया था कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 2025 से पहले चरम पर होगा और 2030 तक 43% कम होना चाहिए ताकि वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके.
'मजबूत योजनाओं से कम होगा ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन'
लंदन के चैथम हाउस में बोलते हुए स्टिल ने कहा, "आज की स्थिति के हिसाब से एनडीसी कुल मिलाकर 2030 तक उत्सर्जन में मुश्किल से ही कटौती करेगा. हमारे पास अब भी नई पीढ़ी की राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के साथ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने का मौका है, लेकिन इसके लिए अब हमें मजबूत योजनाओं की जरूरत है. प्रत्येक देश को एक नई योजना प्रस्तुत करनी होगी. वास्तविकता यह है कि G20 से उत्सर्जन वैश्विक उत्सर्जन का लगभग 80% है.
विकसित और विकासशील देशों से की ये अपील
स्टिल ने इस बात पर जोर दिया कि नवंबर में बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (सीओपी29) में विकासशील देशों के लिए अपने एनडीसी को मजबूत करने के लिए एक नया जलवायु वित्त समझौता महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने विकसित और विकासशील देशों से कमजोर देशों के लिए ऋण राहत के समझौते पर सहमत होने का आह्वान किया.
मार्च सबसे गर्म रहने वाला 10वां महीना
यह टिप्पणी तब आई है जब वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है. रिकॉर्ड के मुताबिक, मार्च सबसे गर्म रहने वाला लगातार दसवां महीना था. यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने मंगलवार को कहा कि पिछले बारह महीनों (अप्रैल 2023 - मार्च 2024) में वैश्विक औसत तापमान 1991-2020 के औसत से 0.70 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया है.
जी-7 और जी-20 देशों को ज्यादा प्रयास करने पर जोर
COP29 भारत जैसे देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जिन्होंने विकसित देशों से जलवायु वित्त की तत्काल डिलीवरी की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ ने जी-7 और जी-20 देशों को और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया.
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