चीन का अभूतपू्र्व कदम: नक्शे में POK समेत पूरे कश्मीर को दिखाया भारत का हिस्सा, क्या हैं इसके मायने
चीन के पास दुनिया के तमाम नक्शों के स्थायी टेंपलेट हैं और मीडिया के लोगों को तब तक इसमें तब्दीली करने की अनुमति नहीं जब तक की सीधे सरकार ने इसका निर्देश जारी नहीं किया हो. ऐसे में इसे अनजाने में की गई ग़लती तो कतई नहीं कह सकते हैं.
बीजिंग: चीन की आधिकारिक मीडिया ने एक ऐसा अभूतपूर्व कदम उठाया है जिसके पीछे की मंशा चाहे जो हो, भारत के लिए काफी फायदेमंद है. चीनी मीडिया सीटीजीएन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और कश्मीर को एक साथ भारत के नक्शे में दिखाया है. बाताया जा रहा है कि चीन ने ये कदम इसलिए उठाया ताकि वो ये देख सके कि पाक इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है.
ये कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि ये 10 दिसंबर को भारत-चीन के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास के ठीक पहले उठाया गया है. वैसे एक ग़ौर करने लायक बात ये भी है कि चीन की सबसे महत्वकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) में पीओके भारत और चीन के बीच विवाद की एक जड़ रहा है. दरअसल, भारत पूरे कश्मीर, जिसमें पाक अधिकृत कश्मीर भी शामिल है, को अपना अभिन्न अंग मानता है. वहीं, बीआरआई के तहत हुए चीनी निवेश से पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके से भी एक सड़क जानी है जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है.
चीन के साथ अपनी बरबार की साख और ऐसी ही वजहों से भारत ने चीन की इस महत्वकांक्षी परियोजना से लगातार दूरी बनाए रखी है. आपको बता दें कि चीन की अधिकारिक मीडिया ने पूरे कश्मीर को भारत का हिस्सा बनकार तब दिखाया जब पाकिस्तान के कराची में उसके काउंसलेट पर हुए हमले से जुड़ी ख़बर चला रहा था. इसे इस तरह से भी देखा जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा चीनी नागरिकों की सुरक्षा नहीं किए जा सकने से चीन खासा नाराज़ है.
आपको ये भी बता दें कि चीन के पास दुनिया के तमाम नक्शों के स्थायी टेंपलेट हैं और मीडिया के लोगों को तब तक इसमें तब्दीली करने की अनुमति नहीं जब तक की सीधे सरकार ने इसका निर्देश जारी नहीं किया हो. ऐसे में इसे अनजाने में की गई ग़लती तो कतई नहीं कह सकते हैं. ये भी जगजाहिर है कि अपनी घरेलू और विदेश नीति में किसी तरह के बदलाव को टेस्ट करने के लिए चीन पहले अपनी सरकारी मीडिया को इस्तेमाल करता है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि इस टेस्ट का भारत के इन दो पड़ोसी मुल्कों के रिश्तों पर कैसा असर पड़ता है.
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस इकलौते घटनाक्रम को चीन की बदली विदेश नीति के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन की प्रिंट मीडिया नक्शे से संबंधित मुद्दे को लेकर बिल्कुल साफ रही है. वैसे चीन में नक्शे बेहद संवेदनशील मुद्दा हैं. चीनी अधिकारी किताबों की दुकान से लेकर मीडिया के ऑफिसों में जाकर ये बात सुनिश्चित करते रहते हैं कि किसी भी देश का नक्शा ठीक वैसे ही दिखाया जाए जैसे सरकार ने आदेश दे रखा है.
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