वॉशिंगटन: अमेरिका की चार सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियों के सीईओ बुधवार को कई अहम मुद्दों पर सफाई देते नजर आए. गूगल, फेसबुक, अमेजन और एपल के चीफ एग्जीक्यूटिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अविश्वास के मुद्दे पर अमेरिकी संसद में डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन सांसदों के सवालों के जवाब दिए. अमेरिकी कांग्रेस के तमाम सांसदों ने उन्हें कई तरह के तीखे सवालों के जरिए घेरा.
अमेरिकी अविश्वास उप-सिमित के चेयरमैन डेविड एन सिसिलाइन की अध्यक्षता में संसद की न्यायिक समिति के एंटीट्रस्ट पैनल के समक्ष फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग, अमेजन के जैफ बेजोस, गूगल के सुंदई पिचाई और एपल के टिम कुक पेश हुए. सुनवाई से पहले सभी सीईओ ने खड़े होकर सच बोलने की शपथ भी ली. इन चारों सीईओ की तकनीकी कंपनियों की मार्केट वैल्यू 5 ट्रिलियन डॉलर है.
डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन सांसदों को संबंधित सीईओ से अलग-अलग सवाल पूछने का मौका दिया गया. सांसदों ने कई तीखे सवाल किए. सवाल का जवाब देते हुए सीईओ कई बार गर्म भी हो गए. कई बार ऐसा भी हुआ कि इन्होंने धन्यवाद कहकर सांसदों को चुप करा दिया और उनके सवाल के जवाब नहीं दिए. सांसदों ने कभी मार्क जुकरबर्ग पर पुरानी ईमेल का मामला उठाया, तो कभी गूगल पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया. इस दौरान कई बार गर्मागमी भी हुई.
गूगल पर कंटेंट चुराने का आरोप
एक सांसद डेविड सिसिलिन ने गूगल पर चोरी का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा, "गूगल ईमानदार कारोबारियों से कंटेंट क्यों चुराती है?" सिसिलिन ने आरोप लगाया कि गूगल ने येल्प इंक का रिव्यू चुराया और कंपनी को धमकी दी कि अगर आपत्ति जताई गई तो येल्प को गूगल सर्च से हटा दिया जाएगा. सुंदर पिचाई ने धीमी आवाज में कहा कि वह इन आरोपों की बारीकियों को जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वह इन आरोपों से सहमत नहीं हैं.
फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग से साल 2012 में खरीदी गई कंपनी इंस्टाग्राम के बारे में कई सवाल किए गए. उनसे सवाल किया गया कि क्या इंस्टाग्राम को इसलिए खरीदा, क्योंकि ये उनके व्यापार के लिए बड़ा खतरा हो सकता था. इसपर जुकरबर्ग ने जवाब दिया कि उस समय इंस्टाग्राम एक सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म होने के बजाय एक छोटा सा फोटो शेयर करने वाला ऐप था. हमने ये नहीं सोचा था कि इंस्टाग्राम हमारे साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे था.
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