चीन-पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रोजेक्ट 'CPEC' पर पाक के एक बड़े अख़बार ने उठाए गंभीर सवाल
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) से पाक को होने वाले फायदों के बारे में उठ रहे सवालों के बीच परियोजना पर व्यापक चर्चा की अपील की. पाकिस्तान में बेहद फेमस अख़बार द डॉन ने एक संपादकीय में लिखा, "यह आश्चर्यजनक है कि मुठ्ठी भर लोगों के अलावा (परियोजना के) के बारे में बाकियों को बेहद कम जानकारी है."
संपादकीय के अनुसार, "आम लोग व्यापक बहस के बिना, सीपीईसी से होने वाले फायदों के बारे में नहीं जान पाएंगे, कम से कम उस रूप में तो नहीं जैसा हमें बताया जा रहा है." डॉन ने 'सीपीईसी के सभी पहलुओं पर खुली बहस' की सेना प्रमुख की मांग का स्वागत करते हुए सरकार पर परियोजना से जुड़ी हुए महत्वपूर्ण बातों का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाया. इनमें वित्त, स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन और चीनी कंपनियों को दी जाने वाली छूट से जुड़ी बातें शामिल है.
डॉन ने कहा, "परियोजना की गहराई और संभावना को देखते हुए खुली बहस जरूरी है ताकि यह विश्वास कायम किया जा सके कि इसे देश और उसके नागरिकों के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ाया जा रहा है. अभी तक यह विश्वास कायम नहीं हो पाया है." संपादकीय में परियोजना के लाभकारी प्रभाव की जानकारी दिए जाने की बात कही गई है और पूछा गया है कि क्या इससे असल में पाकिस्तानी लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा और इसमें से कितने रोज़गार चीनी लोग छीन लेंगे.
पाकिस्तानी सरकार ने 'सीपीईसी के विरोधी को पाकिस्तान का विरोधी' करार दिया है. द डॉन ने अपने संपादकिय में इसे बचकाना बताया है.