इस देश में मिलेगी भारतीय कामगारों को नौकरी, पाकिस्तानियों की 'नो एंट्री'
Job In Greece: ग्रीस के श्रम और सामाजिक इंश्योरेंस मंत्री एडोनिस जॉर्जियाडिस ने कहा हम भारत, जॉर्जिया और मोल्दोवा के कामगारों को ग्रीस ला रहे हैं लेकिन पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है.
ग्रीस अपने यहां कर्मचारियों की कमी से जुझ रहा है. इस कमी को पूरा करने के लिए ग्रीस ने भारत से मदद मांगी है. भारत के अलावा माल्दोवा और जॉर्जिया से भी ग्रीस की बातचीत जारी है. ग्रीस के अप्रवासी मंत्रालय ने इस बारे में ऐलान किया था कि भारत और ग्रीस में कामगारों को लेकर डील लगभग पक्की हो चुकी है.
ग्रीस के माइग्रेशन मिनिस्टर दिमित्रीस कैरिडिस के मुताबिक भारत से 5 से 10 हजार कामगारों को ग्रीस ले जाया जाएगा. इसी संख्या में जॉर्जिया और माल्दोवा से भी लोग जाएंगे.
पाकिस्तान को नहीं मिली तवज्जो
ग्रीस की इस योजना में शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने भी ग्रीस सरकार से संपर्क किया था लेकिन सरकार ने पाकिस्तान की अर्जी को नजरअंदाज करते हुए कोई जवाब नहीं दिया. पाकिस्तानी जनता आए दिन इस बात की शिकायत करती रहती है कि उन्हें गिने-चुने देशों के अलावा कहीं काम नहीं करने दिया जाता है. जनता इसके पीछे पाकिस्तान की विदेश नीति को कोसती है.
ग्रीस के श्रम और सामाजिक इंश्योरेंस मंत्री एडोनिस जॉर्जियाडिस ने कहा, "मुझसे बहुत से लोग पूछते हैं कि कौन से देश हैं जिनके साथ हम कामगारों को ग्रीस लाने की बात कर रहे हैं. वे हैं जॉर्जिया, भारत और मोल्दोवा. इसके बाद फिलीपीन, वियतनाम और आर्मेनिया भी इसमें शामिल हैं. पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है."
Επειδή πολλοί με ρωτούν ποιες είναι οι Χώρες με τις οποίες διαπραγματευόμαστε Διακρατικές Συμφωνίες για εισαγωγή εργατικού δυναμικού είναι οι εξής: Γεωργία, Ινδία και Μολδαβός. Ακολουθούν οι Φιλιππίνες, το Βιετνάμ και η Αρμενία. Το Πακιστάν δεν είναι σε αυτές pic.twitter.com/TSxBfswG7G
— Άδωνις Γεωργιάδης (@AdonisGeorgiadi) December 19, 2023
'हम ग्रीस अमनपसंद लोग चाहते हैं'
माइग्रेशन मिनिस्टर दिमित्रीस कैरिडिस ने कहा, "ग्रीस में खासतौर से कृषि क्षेत्र में कामगारों की कमी है. हम अपने यहां ऐसे लोगों को चाहते हैं जो अमन पसंद हों और शांति से अपना काम करें." उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे यहां काम करने वाले लोग तुर्की के इस्लामवादी एजेंडे की बातें ना करें. वे वीजा खत्म होने पर ग्रीस से अपने देशों में लौट जाएं. मुझे विश्वास है कि भारतीय, मोल्दोवन और जॉर्जियाई श्रमिक सफलता का एक मॉडल बनेंगे."