कोरोना वायरस से लड़ाई के बीच इबोला वायरस दुनिया के कुछ हिस्सों में एक बार फिर उजागर हो गया है. इबोला वायरस संक्रमण के मामले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सामने आए हैं और गिनी में भी पुष्टि हुई है, जहां खतरनाक वायरस से संक्रमित हुए 7 लोगों की मौत हो चुकी है.
2016 के बाद पहली बार इबोला वायरस मामलों की पुष्टि गिनी में हुई है. इबोला वायरस दशकों से रहा है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है जिसके नतीजे में मौत भी हो सकती है. ज्यादातर बीमारियों और संक्रमण की बुनियाद रोकथाम और जागरुकता है, यही मामला इबोला वायरस के साथ भी है. आपको इबोला वायरस की कुछ हकीकतें बताई जा रही हैं जिनका जानना जरूरी है.
इबोला वायरस के बारे में कुछ सच्चाई जानना है जरूरी
इबोला वायरल संक्रमण है- इबोला वायरल एक संक्रमण है, जो आमतौर पर एक वायरस से होता है जिसे इबोला वायरस कहा जाता है.
इबोला वायरस इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है- कुछ वायरस सिर्फ जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं, जबकि कुछ सिर्फ इंसानों को संक्रमित करते हैं. लेकिन वायरस का एक अलग वर्ग जानवरों से इंसानों तक पहुंच सकता है, इसी तरह इंसानों से जानवरों में भी दाखिल हो सकता है. लेकिन, इबोला वायरस इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकता है, यहां तक उससे होनेवाली बीमारी घातक हो सकती है.
इबोला संक्रमितों की आधी से ज्यादा संख्या नहीं बचती है- इबोला वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. जैसा कि बताया गया है कि वायरस से संक्रमित होनेवाले आधे से ज्यादा लोग बचने में सक्षम नहीं होते हैं.
इबोला वायरस के नतीजे में फ्लू-जैसे लक्षण होते हैं- ज्यादातर वायरल संक्रमण के सबसे आम लक्षण जैसे जुकाम और फ्लू होते हैं. इबोला वायरस से होनेवाली बीमारी अलग नहीं है. संक्रमण का पहला संकेत एक सप्ताह के अंदर उजागर होता है. संकेतों में गले की खराश, दस्त, मांसपेशियों में दर्द और सिर का दर्द शामिल है.
इबोला वायरस शरीर के तरल से फैल सकता है- इबोला वायरस का इंसानों से इंसानों में ट्रांसमिशन इंसानों के निकट संपर्क में आने से नहीं होता है, बल्कि वायरस सिर्फ शरीर के तरल से फैल सकता है. लार, खून, मल इत्यादि से वायरस का ट्रांसमिशन हो सकता है और स्वस्थ इंसानों को संक्रमित करता है.
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