वॉशिंगटन: अमेरिका से उच्च शिक्षा पाने वाले विदेशी कामगारों को मौका देने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने बुधवार को एच-1बी वीजा आवेदन से संबंधित नई नीति की औपचारिक घोषणा की है. कहा गया है कि नई नीति ज्यादा सक्षम, प्रभावी है और यह योग्य लोगों को अमेरिका में रहने और काम करने में मदद करेगी. अब नए नियमों के मुताबिक अमेरिकी संस्थानों से उच्च शिक्षा प्राप्त विदेशियों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका साफ मतलब है कि अब भारतीय छात्रों को इस नए नियम के तहत फायदा होगा.


यह नियम उस आदेश को पलट देगा जिसके अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (यूएससीआईएस) नियमित कैप और एडवांस डिग्री छूट के तहत एच-1बी अर्जियों का चयन करती थी.


गुरुवार को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किया जाने वाला यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा. यूएससीआईएस के निदेशक फ्रांसिस सिस्ना ने कहा, 'ये सरल और स्मार्ट परिवर्तन नियोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक लाभ हैं. इससे विदेशी कर्मचारी जिन्हें रोजगार की तलाश है और एजेंसी के सहायक को एच1 बी वीजा कार्यक्रम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.'


बता दें कि जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने H1 बी बीजा सिस्टम में बदलाव करने की बात कही थी. उनका कहना था कि इससे उन लोगों को आसानी होगी जो देश में रहते हैं और रोजगार करते हैं.


एच-1बी वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है जिसकी भारतीय आईटी कंपनियों में काफी मांग है. इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी एक्सपर्ट्स को अपने यहां नियुक्त करती हैं.