भारतीयों के लिए खुशखबरी, एच-1बी वीजा पर अमेरिकी कोर्ट का फैसला- पति पत्नी रह सकेंगे साथ, अगर...
H-1B Visa USA: अमेरिका के तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कामगारों के लिए खुशखबरी है. यहां अदालत ने वीजा में रुकावट डालने वाले एक मुकदमे को खारिज कर दिया है.
H-1B Visa In USA: अमेरिका की टेक कंपनियों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहतभरी खबर आई है. यहां हजारों ऐसे महिला-पुरुष कर्मचारी जो H-1B वीजा पर रहते हैं, अमेरिकी कोर्ट ने उनके हित में फैसला सुनाया है. कोर्ट के इस फैसले के कारण H-1B वीजा होल्डर्स के जीवनसाथियों को भी अमेरिका में रुकने का अधिकार मिलेगा.
यानी कोई महिला यदि H-1B वीजा के तहत अमेजन, एपल, गूगल या माइक्रोसॉफ्ट जैसी किसी अमेरिकी कंपनी में काम करती है और उसका पति भी अमेरिका में नौकरी करना चाहता है, लेकिन पति के पास H-1B वाली सुविधा नहीं है तो अब वो भी अमेरिका जाकर पत्नी के साथ रह सकेगा.
एच-1बी वीजा धारकों को राहत
बता दें कि मुकदमा 'सेव जॉब्स यूएसए' द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप था कि विदेश से आने वाले लोग अमेरिका में आसानी से नौकरी पा लेते हैं, इससे अमेरिकियों को नौकरी के लिए भटकना पड़ता है. बहुत-से अमेरिकी युवाओं ने 'सेव जॉब्स यूएसए' को सपोर्ट किया, हालांकि भारत-चीन जैसे देशों के लिए, जिनके लोग अमेरिका में जाकर नौकरी करते हैं, का माथा ठनकने लगा.
'सेव जॉब्स यूएसए' का मुकदमा खारिज
मामला अदालत में चला. इस प्रक्रिया में 'सेव जॉब्स यूएसए' ने ओबामा-सरकार में बनाए गए नियम को चुनौती दी थी, हालांकि अब यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जस्टिस तान्या छुटकन ने सेव जॉब्स यूएसए द्वारा दायर मुकदमे को खारिज कर दिया है.
अमेरिका में एच-1बी वीजा की कुछ श्रेणियों में वीजाधारकों के जीवनसाथी को एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन कार्ड की सुविधा प्रदान की जाती है. इस सुविधा के विरोध में 'सेव जॉब्स यूएसए' ने मुकदमा दायर किया तो अमेजन, एपल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियों ने मुकदमे का विरोध किया था.
बताया जाता है कि अमेरिका ने अब तक लगभग 1,00,000 एच-1बी कर्मचारियों के जीवनसाथियों को काम के अधिकार जारी किए हैं, जिनमें काफी बड़ी संख्या में भारतीय हैं.
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