क्या ऐसे रिश्ते सुधारेंगे इमरान: 'प्रोफेसर हाफिज़ सईद' ने अख़बार में उगला इंदिरा गांधी के खिलाफ ज़हर
भारत की लंबे समय से मांग रही है कि पाकिस्तान सईद को ना सिर्फ गिरफ्तार करे बल्कि मुंबई आतंकी हमले में शामिल सभी दोषियों को सज़ा दे. लेकिन पाकिस्तान तो सईद को प्रोफेसर बनाए बैठा है, ऐसे में सवाल है कि इमारन के पाकिस्तान से भारत के रिश्ते कैसे सुधरेंगे.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने हाफिज़ सईद और उसके आंतकी संगठन जमात उद दावा से बैन क्या हटाया, ये बात इस वॉन्टेड आंतकी के माथे चढ़ गई. भारत के ख़िलाफ़ निरंतर खुले में जहर उगलने वाले आंतक के इस आका ने अब अख़बार में कॉलम लिखने वाले का अवतार लिया है. 26/11 आतंकी हमले के इस मास्टर माइंड ने पाकिस्तान के एक बड़े उर्दू अख़बार में एक कॉलम लिखा है. इसे लेकर पाकिस्तानी मीडिया में बहस छिड़ गई है कि ऐसे आतंकी को कश्मरी और 1971 के युद्ध के दौरान बांग्लादेश के जन्म पर लिखने की अनुमति कैसे दी जा सकती है.
26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद सईद को अमेरिका और यूएन ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था. इसके बाद उसे उसके घर में कैद कर दिया गया था. लेकिन कुछ ही महीनों बाद उसे छोड़ दिया गया था. उसकी आतंकी गतिविधियों की वजह से उसके सिर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (70,68,15,000 रुपए) का इनाम है. दुनिया पब्लिकेशन ग्रुप की डेली दुनिया ने पूर्वी पाकिस्तान पर भारत का गैर कानूनी हमला के नाम से इस आतंकी का लेख छापा. वहीं, पाकिस्तान कश्मीरी लोगों की वकालत से परहेज क्यों कर रहा है के नाम से सईद का एक और लेख छापा गया. दोनों ही लेखों में इस आतंकी को "प्रोपेसर हाफिज़ मोहम्मद सईद" की उपाधि दी गई है.
आर्टिकल में एक ऐसी तस्वीर लगाई गई है जिसमें भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कुछ युवा हथियार लिए खड़े हैं. सईद ने इस कथित लेख में भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते हुए बांग्लादेश के जन्म में भारत की भूमिका को नकारात्मक रूप से चित्रित किया है और साथ ही ये भी बताया है कि पाकिस्तान के लिए कश्मरी अहम क्यों है. सईद ने कश्मीर विवाद को हवा देते हुए कहा कि पाकिस्तान को यहां के लोंगों का समर्थन करना चाहिए.
सईद सिर्फ प्रोफेसर ही नहीं बना बल्कि इसके पहले उसने पिछले आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग के नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी और चुनाव भी लड़ा था. पाकिस्तान ने पहले तो इस पर बैन लगा दिया लेकिन बाद में ये बैन हटा लिया. वहीं, अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा से संबंधों की वजह से सईद की इस पार्टी को विदेशी आतंकी संगठनों की लिस्ट में डाल दिया.
भारत की लंबे समय से मांग रही है कि पाकिस्तान सईद को ना सिर्फ गिरफ्तार करे बल्कि मुंबई आतंकी हमले में शामिल सभी दोषियों को सज़ा दे. लेकिन पाकिस्तान तो सईद को प्रोफेसर बनाए बैठा है, ऐसे में सवाल है कि इमारन के पाकिस्तान से भारत के रिश्ते कैसे सुधरेंगे.
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