हज यात्रा में दिखेंगी फ्लाइंग टैक्सी और ड्रोन? तीर्थयात्रियों के लिए क्या है सऊदी अरब का नया प्लान
सऊदी अरब के परिवहन मंत्री सालेह बिन नासीर ने कहा कि अल-जैसेर आज के समय में नई टेक्नोलॉजी सीखना जरूरी है और हज जैसे मौके ऐसी तकनीकियों का इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त हैं.
सऊदी अरब तीर्थयात्रियों के लिए हज यात्रा सुविधाजनक बनाने के मकसद से ट्रांसपोर्ट में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इसके चलते जल्द ही हज यात्रा में यात्रियों को फ्लाइंग टैक्सी और ड्रोन की सुविधा मिलेगी.
सऊदी के परिवहन मंत्री सालेह बिन नासीर अल-जैसेर ने गुरुवार (9 मई) को कहा कि इस साल हज यात्रा के दौरान फ्लाइंग टैक्सी और ड्रोन का टेस्ट किया जाएगा.
आने वाले सालों में ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी और बेहतर होगी, बोले सालेन बिन नासीर
सालेह बिन नासीर ने कहा कि हज 1445 AH-2024 में फ्लाइंग टेक्सी और ड्रोन की टेस्टिंग होगी. गुरुवार को उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि ट्रांसपोर्ट कंपनियों के बीच इस बात को लेकर होड़ है कि कौन आने वाले सालों में सबसे अच्छी ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी उपलब्ध करवाएंगे.
सऊदी गैजेट की रिपोर्ट के अनुसार, सालेह बिन नासीर ने कहा, 'आज के समय में ये टेक्नोलॉजी सीखना जरूरी है और इस तरह के मौके ऐसी तकनीकियों का इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त हैं. हम ऐसी सर्विस का लाभ उठाने के लिए सबसे आगे हैं और इसके लिए हज का सीजन सबसे ज्यादा मदद करेगा.'
भारत से मदीना पहुंचा हज यात्रियों का पहला जत्था
9 मई को भारत से हज यात्रियों का पहला जत्था सऊदी पहुंच चुका है. हैदराबाद से 285 हज यात्रियों को लेकर फ्लाईट मदीना पहुंची. जम्मू-कश्मीर से भी कल हज जायरीन का पहला जत्था सऊदी अरब के लिए रवाना हुआ था. अधिकारियों के मुताबिक, 642 जायरीन दो उड़ानों से इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना के लिए रवाना हुए.
पौने दो लाख लोगों ने कराया हज के लिए रजिस्ट्रेशन
अधिकारियों ने कहा कि इस साल जम्मू-कश्मीर से 7,000 से अधिक जायरीन हज पर जाएंगे. जब रिश्तेदारों ने हज जायरीन को विदा किया तब श्रीनगर के हज हाउस में भावनात्मक दृश्य देखने को मिला. इस साल पौने 2 लाख लोगों ने हज के लिए रिजस्ट्रेशन कराया.
हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और हर साल दुनियाभर के मुस्लिम इसे करने के लिए मक्का और मदीना जाते हैं. हज यात्रा 14 जून से शुरू होने जा रही है. हालांकि, सउदी अरब की कमेटी का कहना है कि तारीख में बदलाव हो सकता है.