Hajj Pilgrims Death: 'मरने को छोड़ दिया!', हज यात्रा के बीच गई मां की जान, बेटे को पता लगा तो मक्का में फूट-फूट हुआ बेहाल
Hajj Pilgrims Death: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की स्टडी (2019 में) के मुताबिक, हज यात्रा 2047 से 2052 तक और 2079 से 2086 के बीच "अत्यधिक खतरे की सीमा" से अधिक तापमान में होगी.
Hajj Pilgrims Death: सऊदी अरब के मक्का में इस साल (2024) हज यात्रा पर जो हुआ, उसका किसी को जरा सा भी अंदाजा नहीं था. वहां न कोई हादसा हुआ और न ही कोई बड़ा बवाल...सिर्फ आग जैसी लू-लपट ने 900 से अधिक लोगों की लील ली जान. जी हां, एक तरफ मक्का (इस्लाम में सबसे पवित्र शहर माना गया है) में थपेड़ेमार गर्मी के आगे लोग बेबस होकर दम तोड़ रहे थे तो दूसरी ओर उनके परिजन उनके गायब होने, फोन न उठाने और अव्यवस्था के शिकार होने की आशंका को लेकर हैरान-परेशान हो रहे थे. ऐसे ही एक युवक को जब पता चला कि हज यात्रा के दौरान उनकी मां चल बसीं तो वह खुद पर काबू न कर पाए और मक्का के कॉम्पलेक्स में सबके सामने फूट-फूट कर रोने लगे.
समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा वाकया बुधवार (19 जून, 2024) का है. दरअसल, मक्का के मेडिकल कॉम्पलेक्स में उन लोगों के नाम बताए जा रहे थे, जिनकी हज यात्रा के दौरान मौत हो गई है. इसी बीच, मिस्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने मृतकों में मां का नाम सुन लिया. पहले तो उन्हें यकीन न हुआ लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि वे उनकी मां का ही नाम अनाउंस कर रहे थे, तब उन्हें मानो सदमा सा लगा. वह इसके बाद जमीन पर गिर पड़े और फूट-फूटकर रोने लगे. कुछ देर तक वह गमगीन अवस्था में आंसू बहाते रहे, जिसके बाद उन्होंने एक ट्रैवल एजेंट को फोन लगाया और उस पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे, "उन्होंने उन्हें (मां को) मरने के लिए छोड़ दिया!" जज्बातों में आकर मन की पीड़ा बयान कर रहे शख्स को देख वहां फौरन कुछ लोग आए और ढांढस देते हुए संभालने की कोशिश करने लगे.
सऊदी अरब में कितने हज यात्रियों की गई जान?
सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 900 से अधिक लोगों (खबर लिखे जाने तक) की जान जा चुकी है. ये सभी मौतें गर्मी और लू आदि के लगने की वजह से बताई गई हैं. न्यूज एजेंसी 'एएफपी' की टैली की मानें तो सऊदी अरब में कुल 922 हज यात्रियों की मौत रिपोर्ट हुई है. इनमें 600 लोग मिस्र के थे, जबकि करीब 90 लोग इंडिया से थे. हालांकि, मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के प्रशासन ने इस मसले पर खुलकर बात नहीं की है. एपी ने जब हज यात्रियों की मौत के कारण और संख्या आदि के बारे में उनसे संपर्क करना चाहा तब उन्हें स्पष्ट जवाब नहीं मिला.
...तो मक्का में तीर्थयात्रियों के लिए ये हैं चुनौतियां
सऊदी नेशनल मीट्रोलॉजी सेंटर के डेटा के हिसाब से इस्लाम के सबसे पवित्र शहर मक्का में सोमवार (17 जून, 2024) को 51.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था. भयंकर गर्मी के मद्देनजर अफसरों की ओर से तीर्थयात्रियों को धूप से बचने की खास चेतावनी दी गई है. मक्का में लू की वजह से हज यात्रियों की मौतें पिछले हफ्ते शुक्रवार शाम से होने लगी थीं, जबकि मौसम की वजह से अभी भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है. वहां बसों और ट्रेनों से श्रद्धालुओं को पवित्र स्थलों तक पहुंचाया तो गया पर भारी भीड़ और अत्यधिक गर्मी के चलते अभी भी तीर्थयात्रियों और अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस साल हज में करीब 18 लाख तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया है.
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