Egypt Action Against Travel Agents: मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने शनिवार (22 जून) को आदेश दिया कि 16 पर्यटन कम्पनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं और उनके प्रबंधकों को तीर्थयात्रियों को अवैध रूप से मक्का ले जाने के लिए सरकारी अभियोजक के कार्यालय में भेज दिया जाए. सरकार का ये आदेश अलग-अलग देशों से हज के लिए पहुंचे 1100 लोगों की मौत की सूचना के बाद आया है, जिसमें मिस्र के 658 नागरिक भी शामिल हैं.
कैबिनेट ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने, उनके प्रबंधकों को सरकारी अभियोजक के पास भेजने और उन पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है, ताकि इनके कारण मारे गए तीर्थयात्रियों के परिवारों को लाभ मिल सके." इसमें आगे कहा गया कि मिस्र के तीर्थयात्रियों की मौत में बढ़ोतरी इन ट्रैवल कंपनियों की वजह से हुई है.
मंत्रालय ने ऐसा कंपनियों को किया था आगाह
अप्रैल में, सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने हज यात्रियों को धोखेबाज और हज कंपनियों के बारे में आगाह किया था और दोहराया था कि तीर्थयात्रा करने के लिए वैध हज वीजा जरूरी है. मंत्रालय ने ऐसी कंपनियों के बारे में चेतावनी दी थी कि हज 2024 के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत सेवाओं का विज्ञापन कर रही हैं.
कैसे मिलता है हज परमिट?
हज परमिट कोटा प्रणाली के तहत देशों को आवंटित किए जाते हैं और लॉटरी सिस्टम के जरिए व्यक्तियों को बांटे जाते हैं. इस बीच जलवायु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह द्वारा किए गए त्वरित विश्लेषण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब की घातक गर्मी को और बढ़ा दिया जिससे वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया. वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तनशीलता ने संभवतः एक छोटी भूमिका निभायी है. पिछले कुछ हफ्तों में पूर्वी भूमध्य सागर और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ा है.
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