(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बंटवारे में बिछड़े मक्का में मिले... 17 महीने की कोशिशों के बाद कैसे मिली हनीफा और 105 साल की हजरा बीबी, पढ़ें पूरी कहानी
17 महीने से हनीफा और हजरा बीबी मिलने के लिए कोशिश कर रही थीं. दोनों ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में मिलने की भी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकीं.
साल 1947 में जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तब लाखों परिवार भी अलग हो गए थे. एक ही परिवार के आधे लोग भारतीय नागरिक और आधे पाकिस्तानी नागरिक बन गए. इन्हें बिछड़े हुए 75 साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी ये लोग अपने परिवारों से मिलने के लिए तड़प रहे हैं. आज भी इनके दिल में मिलने की ख्वाहिश है. ऐसी ही ख्वाहिश हजरा बीबी की भी थी, जो बंटवारे के समय पाकिस्तान चली गई थीं. हजरा बीबी की उम्र 105 साल है और अब जाकर उन्हें परिवार से मिलना नसीब हुआ है. उनका परिवार भारत के पंजाब में रहता है.
दोनों तरफ से ही मिलने के लिए 17 महीनों से कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब जाकर उन्हें यह खुशी नसीब हुई है. बीते गुरुवार (16 नवंबर) को सऊदी अरब के मक्का में हजरा बीबी अपनी भतीजी हनीफा से मिलीं. दोनों ही हज के लिए मक्का के काबा गई थीं, जहां पर दोनों की मुलाकात हुई.
यूट्यूबर की मदद से हुई मुलाकात
इस मुलाकात के लिए पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने हनीफा और हजरा बीबी की मदद की है. हजरा और हनीफा की पिछले साल जून में पहली बार फोन पर बात हुई थी और तब हजरा बीबी को पता चला कि हनीफा की मां और हजरा की छोटी बहन मजीदा का इंतकाल हो गया है. यह सुनकर हजरा बीबी का बहुत धक्का लगा और तब हनीफा और हजरा ने मिलने का सोचा. हालांकि, कई बार दोनों ने कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकीं. तब नासीर ढिल्लन और यूएस में रह रहे सिख पॉल सिंह गिल ने उनकी मदद की और मक्का जाने के लिए भी सहायता की.
मिलते ही फूट-फूट कर रो पड़ीं हनीफा और हजरा बीबी
हनीफा और हजरा बीबी की रियूनियन के लिए नासिर ढिल्लन भी मक्का पहुंचे थे. नासिर ढिल्लन 'पंजाबी लहर' नाम से यूट्यूब चैनल चलाते हैं. काबा में हनीफा और हजरा बीबी की मुलाकात को नासिर ढिल्लन ने कैमरे में कैद कर लिया और अपने यूट्यूब चैनल पर इस मुलाकात का वीडियो अपलोड भी किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि इतने सालों बाद मिलने पर हजरा और हनीफा के खुशी के आंसू रुक ही नहीं रहे थे. मिलते ही दोनों फूटकर रो पड़ीं.
17 महीने से कर रही थीं मिलने की कोशिश
हनीफा और हजरा बीबी 17 महीने से मिलने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब और भारत में पंजाब के गुरदासपुर के गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक को जोड़ने के लिए बनाए गए करतापुर कॉरिडोर के जरिए भी मिलने की कोशिश की थी. हालांकि, उन्हें इसके लिए परमिशन नहीं मिल सकी. बाद में हनीफा ने हजरा बीबी से मिलने के लिए पाकिस्तान जाने का भी सोचा और वीजा के लिए आवेदन किया, लेकिन इसके लिए भी उन्हें अनुमति नहीं मिली.
बंटवारे के समय पाकिस्तान चली गई थीं हजरा बीबी
नासिर ढिल्लन ने बताया कि इतनी कोशिशों के बाद भी जब हजरा और हनीफा मिल नहीं सके तो वह हिम्मत हार गए. तब नासिर ने उनकी मदद की. नासिर ने बताया कि उन्होंने हजरा बीबी का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था और उसके जरिए उन्हें पता चला कि हजरा बीबी का परिवार पंजाब के गुरदासपुर में रहता है. इस तरह उनसे संपर्क हुआ और दोनों की मुलाकात हुई. साल 1947 में बंटवारे के वक्त हजरा बीबी पाकिस्तान चली गईं, जबकि उनकी छोटी बहन मजीदा ने भारत में रहने का फैसला किया.
यह भी पढ़ें:-
गैंगरेप, छेड़छाड़ की पीड़ित महिलाओं को 5 करोड़ का मुआवजा पर किसे दिया? मणिपुर सरकार के पास नहीं कोई डेटा