(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या है Halloween फेस्टिवल, विदेशों में क्यों पॉपुलर है ये त्योहार, भारत के लोगों में भी बढ़ा क्रेज, जानें सब कुछ
Halloween Festival: हैलोवीन के दिन लोग डरावने कॉस्ट्यूम (Halloween Costume) पहनते हैं और डरावना मास्क-मेकअप लगाते हैं. चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्यों किया जाता है.
Know About Halloween Festival: हैलोवीन (Halloween) की चर्चा अभी इसलिए भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि दक्षिण कोरिया की राजधानी है सियोल (Seol) में हैलोवीन की ही पार्टी के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल और लापता हैं. विदेशों में हैलोवीन खूब धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, कई लोगों को मालूम है कि हैलोवीन क्या है और क्यों मनाया जाता है. कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दक्षिण कोरिया में हुई घटना के बाद इसका नाम जाना है. तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि हैलोवीन (Halloween) आखिर है क्या और क्यों इतना पॉपुलर है?
हैलोवीन का आयोजन अक्टूबर की 31 तारीख को होता है. हालांकि, लोग इसका जश्न पहले से ही मनाने लगते हैं और तरह-तरह की पार्टियों का आयोजन किया जाता है. लोग इस पार्टी में डरावने कपड़े और मैकअप करके आते हैं. क्योंकि यह आत्माओं का दिन होता है. यानी मान्यता है कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी. इस दिन पहने जाने वाले कपड़ों को हैलोवीन कॉस्ट्यूम (Halloween Costume) कहा जाता है.
1- कहां से हुई थी हैलोवीन की शुरुआत ?
माना की आज के समय में हैलोवीन का त्योहार दुनियाभर में मनाया जाता है लेकिन, इसकी शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी. अब इसका खुमार कई देशों पर चढ़ने लगा है. धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है.
2- क्या है हैलोवीन को लेकर मान्यताएं ?
हैलोवीन को लेकर सभी की अलग-अलग मान्यताएं हैं. कई देशों का मानना है कि इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी. तो कई लोग इसे बुरी आत्माओं को भगाने का एक तरीका भी कहते हैं.
3- क्यों पहने जाते हैं डरावने कपड़े ?
इस दिन लोग हैलोवीन कॉस्ट्यूम (Halloween Costume) यानी डरावने कपड़े और डरावना मास्क-मेकअप करते हैं. फसल के मौसम में किसानों की मान्यता थी कि बुरी आत्माएं धरती पर आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं. यही कारण था कि लोग डरावने कपड़े पहनने लगे. हालांकि, इसे लेकर भी लोगों की अलग-अलग कहानियां हैं.
4- भारत के लोगों में कितना लोकप्रिय है हैलोवीन ?
भारत में केवल युवाओं में ही इसका क्रेज है. हालांकि यहां इसे लेकर कोई मान्यता नहीं है. लोग मौज-मस्ती के रूप में इसे ज्यादा मनाते हैं. लोगों के लिए यह छुट्टी मनाने का अच्छा तरीका बन गया है. धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी काफी बढ़ती जा रही है.
5- 31 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है ?
इसे सेल्टिक कैलेंडर के हिसाब से साल का आखिरी दिन माना जाता है. जो एक नवंबर को मनाया जाने वाला पश्चिमी ईसाई पर्व ऑल हैलोज डे की पूर्व संध्या को चिह्नित करता है. यह ईसायों का त्योहार है लेकिन, अब इसे सभी धर्म के लोग मनाने लगे हैं.
6- और किन नामों से जाना जाता है हैलोवीन ?
हैलोवीन दिवस को ऑल हेलोस इवनिंग, ऑल हैलोवीन, ऑल होलोस ईव और ऑल सैंट्स ईव भी कहा जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर कैंडी भी गिफ्ट करते हैं. इस दिन लोग खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह बनाकर अंदर मोमबत्ती रखते हैं.
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